नई दिल्ली (नेहा): ओलंपिक शैली की मुक्केबाजी की नियामक संस्था ‘वर्ल्ड बॉक्सिंग’ अगले महीने होने वाली विश्व चैंपियनशिप में महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली सभी मुक्केबाजों के लिए लिंग परीक्षण अनिवार्य करेगी। ‘वर्ल्ड बॉक्सिंग’ (विश्व मुक्केबाजी) ने पहले ही अपनी योजना की घोषणा कर दी है जिसके तहत प्रतियोगियों को जन्म के समय के लिंग का निर्धारण करने के लिए पॉलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट या उसी तरह के आनुवंशिक स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना होगा।
‘वर्ल्ड बॉक्सिंग’ ने बुधवार को घोषणा की कि ये नियम सितंबर की शुरुआत में इंग्लैंड के लिवरपूल में होने वाली विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप से पहले लागू किए जाएंगे। इन परीक्षण से जैविक लिंग के सूचक के रूप में वाई गुणसूत्र की उपस्थिति या अनुपस्थिति की पहचान की जाती है। ‘वर्ल्ड बॉक्सिंग’ के अध्यक्ष बोरिस वान डेर वोर्स्ट ने कहा, ‘विश्व मुक्केबाजी सभी खिलाड़ियों की गरिमा का सम्मान करती है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करती है कि यह यथासंभव समावेशी हो।’
उन्होंने कहा, ‘फिर भी मुक्केबाजी जैसे खेल में, सुरक्षा और प्रतिस्पर्धात्मक निष्पक्षता सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है और इसलिए यह नियम बनाया गया है।’ पेरिस ओलंपिक चैंपियन अल्जीरिया की इमान खेलीफ ने जून में नीदरलैंड में एक टूर्नामेंट में भाग लेने से इनकार कर दिया था। यह फैसला उस समय लिया गया जब शासी निकाय ने लिंग परीक्षण शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की थी।