नई दिल्ली (नेहा): टाटा समूह की अगुवाई वाली एयरलाइंस कंपनियां एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को बीते 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष 2025 के दौरान कुल मिलाकर ₹9,568.4 करोड़ का प्री-टैक्स घाटा हुआ है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा में गुरुवार को पेश किए गए अनंतिम आंकड़ों में यह जानकारी दी। आंकड़ों के मुताबिक, एयरलाइंस का प्री-टैक्स प्रदर्शन मिला-जुला रहा। एयर इंडिया को ₹3,890.2 करोड़ का घाटा हुआ तो वहीं, एयर इंडिया एक्सप्रेस को ₹5,678.2 करोड़ घाटा हुआ।
खबर के मुताबिक, मंत्री ने आगे आंकड़ों में बताया कि अकासा एयर को ₹1,983.4 करोड़ का घाटा, स्पाइसजेट को ₹58.1 करोड़ का घाटा हुआ , जबकि इंडिगो को ₹7,587.5 करोड़ मुनाफा हुआ। टाटा समूह द्वारा जनवरी 2022 में अधिग्रहित की गई एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की यह वित्तीय स्थिति एविएशन सेक्टर के लिए एक चुनौतीपूर्ण संकेत मानी जा रही है, विशेषकर तब जब इंडिगो जैसी कंपनियां शानदार मुनाफा दर्ज कर रही हैं।
जारी आंकड़ों में बताया गया है कि इंडिगो पर ₹67,088.4 करोड़ का कर्ज है। साथ ही एयर इंडिया पर ₹26,879.6 करोड़, एयर इंडिया एक्सप्रेस पर ₹617.5 करोड़, स्पाइसजेट पर ₹886 करोड़ और अकासा एयर पर ₹78.5 करोड़ का कर्ज है। मंत्री मोहोल ने यह भी स्पष्ट किया कि 1994 में एयर कॉर्पोरेशन एक्ट के निरस्त होने के बाद भारतीय विमानन क्षेत्र को पूरी तरह से विनियम-मुक्त कर दिया गया है। अब एयरलाइंस अपने वित्तीय और परिचालन निर्णय स्वतंत्र रूप से व्यावसायिक आधार पर लेती हैं, जिसमें संसाधनों का प्रबंधन और ऋण पुनर्गठन भी शामिल है। यह रिपोर्ट बताती है कि जहां कुछ एयरलाइंस अब भी वित्तीय दबाव से जूझ रही हैं, वहीं इंडिगो जैसी कंपनियां इस माहौल में मुनाफे की उड़ान भर रही हैं।