कोल्लम (नेहा): केरल के कोल्लम ज़िले के एक मंदिर में बिछाए गए ‘पुकलम’ (रंगोली) बनाने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 27 कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया है। इस पूरे मामले पर अब विवाद खड़ा हो गया है। मंदिर प्रशासन ने दावा किया है कि रंगोली बनाना कथित तौर पर हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। वहीं बीजेपी का कहना है कियह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सम्मान में किया गया था। बता दें कि यह घटना मुथुपिलक्क स्थित पार्थसारथी मंदिर में हुई। मंदिर समिति के सदस्य मोहनन के अनुसार, रंगोली पर आरएसएस का झंडा और ऑपरेशन सिंदूर लिखा हुआ था। सदस्य ने तर्क दिया कि त्योहारों के दौरान मंदिर के पास झंडा लगाने को लेकर पहले भी कई बार झड़पें होती रही हैं।
मंदिर समिति के एक पदाधिकारी ने बताया कि ऐसे टकरावों से बचने के लिए हमने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने 2023 में मंदिर परिसर के पास झंडों सहित किसी भी सजावटी वस्तु पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बावजूद, आरएसएस कार्यकर्ताओं ने मंदिर समिति के पुष्प डिज़ाइन के ठीक बगल में अपने झंडे के साथ एक फूलों की रंगोली बना दी और उस पर’ऑपरेशन सिंदूर’ लिख दिया। यह हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन था और इससे झड़पें हो सकती थीं, इसलिए हमने शिकायत दर्ज कराई। हम ऑपरेशन सिंदूर का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन यह वैसा नहीं है जैसा आरोपी इसे चित्रित कर रहे हैं। केरल पुलिस ने मंदिर समिति के एक पदाधिकारी अशोकन सी की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।
बीजेपी ने केरल पुलिस पर निशाना साधते हुए कोल्लम जिले में 27 आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले को चौंकाने वाला बताया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने पूछा कि क्या केरल में जमात-ए-इस्लामी का शासन है या पाकिस्तान का। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एफआईआर तुरंत वापस नहीं ली गई तो पार्टी अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। यह केरल है। यह भारत का गौरवशाली हिस्सा है। फिर भी, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्दों वाले एक ‘पुक्कलम’ को बनाने के लिए एफआईआर दर्ज की गई है। बिल्कुल अस्वीकार्य! चंद्रशेखर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सशस्त्र बलों की ताकत और वीरता का प्रतीक है, और कानूनी कार्रवाई के ज़रिए इसे निशाना बनाना देश की रक्षा करने वाले हर सैनिक का अपमान है।
इसके अलावा, बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि यह कार्रवाई एक वर्ग के तुष्टिकरण के लिए की गई थी। केरल के कोल्लम ज़िले में, पुलिस ने ओणम पुक्कलम को सिर्फ़ इसलिए हटाने पर मजबूर कर दिया क्योंकि उस पर ऑपरेशन सिंदूर लिखा था। यह पाकिस्तान नहीं है। यह वामपंथी शासन वाला केरल है, जहां देशभक्ति के संदेश वाले फूलों को भी ख़तरा समझा जाता है। यह सब एक वर्ग के तुष्टिकरण के लिए है। और फिर भी, वही वामपंथी देश को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उपदेश देने का कोई मौका नहीं छोड़ते। पाखंड चरम पर है!