काठमांडू (नेहा): नेपाली सेना ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर रात 10 बजे से सैनिकों की तैनाती कर दी है। यह तैनाती देश में जेनरेशन-जी के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद किया गया है। प्रदर्शनों की आड़ में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया है। नेपाली संसद, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री निवास समेत कई बड़े राजनेताओं के घरों को जला दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनल की पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार को घर में बंद कर आग लगा दी, जिसमें उनकी मौत हो गई। इसके अलावा कई पुलिसकर्मियों को सरेंडर करने के बाद पीट-पीटकर मार दिया गया है।
सेना ने चेतावनी दी है कि कुछ समूह अशांति का फायदा उठाकर नागरिकों की जान और सार्वजनिक संपत्ति दोनों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। सेना ने सभी नागरिकों से संयम बरतने और देश भर में और अधिक विनाश को रोकने में सहयोग करने का आह्वान किया है। बयान में कहा गया है, “अगर ऐसी गतिविधियां नहीं रुकती हैं, तो सेना, अन्य सुरक्षा बलों के साथ, स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पूरी तरह से जुट जाएगी।” इसमें आगे कहा गया है कि तैनाती शुरू होने के बाद समग्र सुरक्षा परिदृश्य का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब प्रदर्शनकारियों के पहले किए गए हमलों के बाद सिंह दरबार, सर्वोच्च न्यायालय और संसद भवन सहित प्रमुख सरकारी संस्थानों को जला दिया गया है। हिंसा में राजनीतिक नेताओं के घरों, पुलिस स्टेशनों और मीडिया कार्यालयों को भी निशाना बनाया गया है, जिससे देश लगभग आपातकाल की स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने काठमांडू के कपन में पूर्व वित्त मंत्री और नेपाली कांग्रेस नेता रामसरन महत के घर को भी जला दिया।