मंडी(लक्ष्मी): मंडी जिला के धर्मपुर में सोमवार रात और मंगलवार सुबह हुई मूसलधार बारिश ने सैर पर्व की खुशियां मातम में बदल दीं। सोन खड्ड में आए सैलाब ने धर्मपुर बस स्टैंड को जलमग्न कर दिय। जिससे एचआरटीसी की 20 से अधिक बसें पानी में डूब गईं। कई निजी वाहन, दुकानें और घर भी इसकी चपेट में आ गए। लोगों ने रातभर भय के साये में गुजारी। धर्मपुर में 8 से 10 गाड़ियों के बहने की सूचना है। दुकानों और घरों में पानी घुसने से लोग छतों और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए। कलसाई गांव में एक परिवार ने घर में पानी घुसने पर छत पर चढ़कर जान बचाई। लगेहड़ गांव में भूस्खलन से एक घर क्षतिग्रस्त हुआ, जहां परिवार ने रात में ही भागकर जान बचाई।
धर्मपुर में 8 से 10 गाड़ियों के बहने की सूचना है। दुकानों और घरों में पानी घुसने से लोग छतों और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हुए। कलसाई गांव में एक परिवार ने घर में पानी घुसने पर छत पर चढ़कर जान बचाई। लगेहड़ गांव में भूस्खलन से एक घर क्षतिग्रस्त हुआ। जहां परिवार ने रात में ही भागकर जान बचाई। धर्मपुर में सोमवार रात एक दवा विक्रेता दुकान से पैसे निकालने के चक्कर में अपनी गाड़ी सहित बह गया। पुलिस व प्रशासनिक टीमें मौके पर राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। थाने के बाहर खड़ी कई गाड़ियां भी बाढ़ के पानी में बह गईं। पानी के तेज बहाव में बहे दवा विक्रेता की पहचान नरेंद्र कुमार के रूप में हुई है। इसके अलावा, एक अन्य की भी बहने की जानकारी है।
जोगेंद्रनगर के हराबाग में भारी भूस्खलन के कारण पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। मंडी शहर के जेल रोड और अस्पताल के पास बहने वाले नालों का पानी सुहड़ा मोहल्ला में घुस गया। टारना और सन्यारढ़ क्षेत्र के लोग रातभर भय के साये में घर से बाहर रहे। सुंदरनगर के आंबेडकरनगर में भी नाले का पानी घरों में घुस गया।सुंदरनगर के निहरी क्षेत्र में एक मकान ढह जाने से चार लोग मलबे में दब गए। अब तक एक शव बरामद किया जा चुका है जबकि तीन अन्य को निकालने के प्रयास जारी हैं। राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है।
पिछले तीन-चार दिनों से धर्मपुर और सरकाघाट क्षेत्र में भारी नुकसान की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। अब तक 20 से अधिक घर और पशुशालाएं क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। 40 के करीब घर खाली करवाए गए हैं। भारी वर्षा सुबह 3:30 बजे तक जारी है। प्रशासन ने मौके पर राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। सैर पर्व के दिन आई इस आपदा ने मंडी जिले में फिर से बारिश की विभीषिका की याद दिला दी है।