नई दिल्ली (नेहा): केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलनकारियों और पुलिस की झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और कम से कम 59 लोग घायल हो गए। इनमें 30 पुलिसकर्मी हैं।साल 1989 के बाद लद्दाख का ये सबसे हिंसक दिन माना जा रहा है। बुधवार को हुई हिंसा के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर अपनी 15 दिनों की भूख हड़ताल ख़त्म कर दी। हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने लेह में कर्फ़्यू लगा दिया।
बुधवार देर रात एक बयान में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार की हिंसा के लिए सोनम वांगचुक को ज़िम्मेदार ठहराया है। गृह मंत्रालय के आरोपों पर वांगचुक ने फ़िलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। केंद्र सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि कुछ लोग पूर्ण राज्य और छठी अनुसूची के विस्तार पर लद्दाख के लोगों से हो रही बातचीत में प्रगति से खुश नहीं हैं और इसमें बाधा डाल रहे हैं।
केंद्र सरकार ने अपने बयान में कहा है कि इन विषयों पर हाई पावर कमिटी की 6 अक्तूबर को होने वाली बैठक को अब 25-26 सितंबर को करने पर विचार किया जा रहा है, ताकि आंदोलनकारी संगठनों के साथ संवाद हो सके। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि ‘कुछ लोगों की स्वार्थ की राजनीति और सोनम वांगचुक की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं की वजह से लद्दाख और उसके युवा भारी कीमत चुका रहे हैं।’