अमृतसर (नेहा): केंद्र सरकार ने सिख जत्थे को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर पाकिस्तान जाने की अनुमति दे दी है। यह यात्रा 1974 में दोनों देशों के बीच तीर्थ यात्राओं संबंधी समझौते के तहत ही होगी। केंद्र सरकार ने इससे पहले पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ शुरू किए गए आपरेशन सिंदूर के कारण सुरक्षा कारणों से इस यात्रा पर रोक लगा दी थी। केंद्र सरकार के इस फैसले की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सहित अन्य सिख संगठनों ने सराहना की है और इसे सिख भावनाओं का सम्मान बताया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 12 सितंबर को एक नोटिस जारी कर कहा था कि पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए सिख जत्थे को पाकिस्तान नहीं भेजा जा सकता।
सरकार के इस फैसले का श्री अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज और एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने सवाल किया था कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को मंजूरी दी जा सकती है, तो सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती। केंद्र सरकार की ओर से अब अनुमति मिलने का स्वागत करते हुए भाई मर्दाना यादगारी कीर्तन दरबार सोसाइटी के प्रधान जगजीत सिंह ने कहा कि अब केंद्र द्वारा अनुमति मिल जाने के बाद हम वीजा प्रक्रिया तेज कर देंगे। श्री ननकाना साहिब सिख यात्री जत्थे के राबिन सिंह ने कहा कि केंद्र के फैसले से सिखों की धार्मिक आस पूरी होंगी।
केंद्र सरकार के इस फैसले का शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व सिख जगत ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों एसजीपीसी ने सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी। इस संबंध में 29 सितंबर को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा गया था। धामी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लिया गया फैसला सिख संगत की भावनाओं का आदर करता है, जिसके लिए हम प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का धन्यवाद करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब का रास्ता भी खोलने की अपील की।