देहरादून (पायल): प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता के अंतर्गत किए जाने वाले विवाह पंजीकरण में आधार कार्ड की अनिवार्यता से छूट देने की तैयारी कर रही है। सरकार विदेशी नागरिक यथा नेपाल, भूटान व तिब्बत निवासियों को पहले ही इससे छूट दे चुकी है। इसके साथ ही लिव इन रिलेशन के तहत दी जाने वाली सूचनाओं की गोपनीयता के लिए संबंधित जानकारी एक ही स्तर पर रखने की तैयारी चल रही है।
प्रदेश में समान नागरिक संहिता के तहत विवाह पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। प्रदेश सरकार अब इसके मानकों को जनता की सुविधा के अनुसार लगातार शिथिल कर रही है। इन मानकों को लेकर हाल ही में हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में सरकार ने यह जानकारी दी कि समान नागरिक संहिता के प्रविधानों को जन सुलभ बनाया जा रहा है।
इस क्रम में अब विवाह पंजीकरण के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर छूट दी जा रही है। इसके तहत अब आमजन आधार कार्ड के अलावा उत्तराखंड में निवास संबंधी अन्य प्रामाणिक दस्तावेज भी उपलब्ध करा सकेंगे। गृह विभाग इस समय ऐसे दस्तावेजों की सूची तैयार कर रहा है।
इसके साथ ही गृह विभाग अब लिव इन में रहने वाले जोड़ों के सूचना के संबंध में गोपनीयता के मानकों को और सुदृढ़ कर रहा है। इसके लिए अब एक ही माध्यम के जरिये लिव इन में रहने वाले जोड़ों की सूचना लेने की तैयारी कर रहा है। उद्देश्य यह कि इनकी सूचना लीक न हो सके।
दरअसल, लिव इन में रहने वाले जोड़े पंजीकरण के लिए मांगे जा रहे दस्तावेजों के लीक होने की आशंका जता रहे हैं। शुरुआत में इस तरह के प्रकरण भी सामने आएं हैं, जिसमें लिव इन में रहने वालों की जानकारी लीक हुई है। अब यह जानकारी केवल एक ही माध्यम में एकत्र रहेगी। जो स्वजन के अलावा किसी और से साझा नहीं की जाएगी।
सचिव गृह शैलेश बगौली का कहना है कि नियमों में जनता की सुविधा के अनुसार कुछ छूट देने की तैयारी की जा रही है। इस पर कार्य चल रहा है।