नई दिल्ली (नेहा)- इस बार कार्तिक अमावस्या की तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। अगर अमावस्या तिथि दो दिन हो, तो दिवाली उस दिन मनानी चाहिए जिस दिन अमावस्या प्रदोष काल के साथ विद्यमान हो। प्रदोष काल सूर्य अस्त होने के बाद तीन मुहूर्त के समय को कहा जाता है।
आमतौर पर सूर्यास्त के 2 घंटे 24 मिनट के आसपास का समय प्रदोष काल होता है। अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 03:44 मिनट पर शुरू होगी और 21 अक्टूबर को शाम 05:50 बजे समाप्त हो जाएगी। ऐसे में प्रदोष काल व अमावस्या तिथि एक साथ 20 अक्टूबर को विद्यमान रहेंगी, 21 अक्टूबर को यह संयोग नहीं बन रहा है। लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल का समय ही उत्तम माना गया है, इसलिए 21 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन करना उचित नहीं रहेगा।