नई दिल्ली (नेहा): दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह का नेटवर्क भारत, थाईलैंड और दुबई तक फैला हुआ था। इस मामले में मुख्य आरोपी एक पूर्व कस्टम विभाग का अधिकारी है। आरोपी रोहित कुमार शर्मा उर्फ रोबिट, जो पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) में इंस्पेक्टर था को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी के पास से 21.512 किलो ‘हाइड्रोपोनिक मारिजुआना’ बरामद हुई है। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब ₹27.24 करोड़ रुपये है। पुलिस ने ₹44.42 लाख नकद भी जब्त किए हैं, जो ड्रग की बिक्री से कमाए गए थे। आरोपी से एक SUV और एक स्कूटी भी बरामद की गई है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ऑपरेशन 13 और 14 अक्टूबर की रात चलाया। जिसमें सूचना मिली थी कि जनक सिनेमा के पास ड्रग की बड़ी खेप पहुंचने वाली है। क्राइम ब्रांच की टीम ने वहां जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ लिया। क्राइम ब्रांच की पूरी कार्रवाई इंस्पेक्टर मन सिंह, अरविंद सिंह और सुंदर गौतम की देखरेख में हुई। इसे एसीपी संजय कुमार नागपाल की निगरानी में अंजाम दिया गया है।
‘हाइड्रोपोनिक मारिजुआना’ बहुत महंगी और ताकतवर किस्म की गांजा होता है। इसमें THC की मात्रा 30–40% होती है, जबकि सामान्य गांजा में सिर्फ 3–4% होती है। इसे ‘Ocean-Grown Weed’ या ‘OG Weed’ भी कहा जाता है। इसे खासतौर पर थाईलैंड में हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगाया जाता है।
इसका इस्तेमाल आमतौर पर हाई-प्रोफाइल पार्टियों और अमीर ग्राहकों द्वारा किया जाता है। युवा वर्ग इसे सिगरेट की तरह रोल करके या वॉटर पाइप (बॉन्ग) से पीते हैं। आरोपी रोहित शर्मा पहले 2015 में केंद्रीय आबकारी विभाग में भर्ती हुआ था। 2019 में केरल के कन्नूर एयरपोर्ट पर 3 किलो सोना तस्करी केस में पकड़ा गया था। उसी केस के बाद उसे विभाग से बर्खास्त कर दिया गया।
2023 में NDPS एक्ट के तहत DRI ने भी उस पर केस दर्ज किया था। बर्खास्तगी के बाद वह दुबई चला गया, जहां उसकी मुलाकात बिहार के अभिषेक नाम के व्यक्ति से हुई। वहीं से दोनों ने भारत में हाइड्रोपोनिक गांजा सप्लाई करने की साजिश रची। थाईलैंड से गांजा भारत लाने के लिए गिरोह ने छोटे एयरपोर्ट्स (जैसे गुवाहाटी) का इस्तेमाल किया वहां से खेप दिल्ली और अन्य शहरों में भेजी जाती थी। आरोपी ने कस्टम विभाग में अपने पुराने संपर्कों का फायदा उठाया। जिससे मादक पदार्थों की खेप बिना जांच के एयरपोर्ट से निकल जाती थी।
ड्रग से कमाई गई रकम को आरोपी क्रिप्टोकरेंसी और हवाला के जरिए दुबई भेजता था। ताकि पैसों का पता न चल सके. फिलहाल आरोपी पुलिस हिरासत में है, और उसके बाकी साथियों की तलाश जारी है। पुलिस कस्टम विभाग में उसके पुराने संपर्कों की भी जांच कर रही है।


