नई दिल्ली (नेहा): केंद्र सरकार अगले साल तंबाकू और पान मसाला पर एक नया केंद्रीय सेस या राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (NCCD) लगाने की योजना बना रही है। इस कदम का असर सीधे उन लोगों पर पड़ेगा जो तंबाकू और पान मसाला का सेवन करते हैं, क्योंकि इससे इनकी कीमतें बढ़ने की संभावना है।
सरकार यह नया टैक्स जीएसटी ढांचे के बाहर लगाएगी, ताकि इसके लिए जीएसटी काउंसिल की मंजूरी की ज़रूरत न पड़े। इसका मतलब है कि सरकार इस टैक्स को सीधे संसद में बिल लाकर लागू कर सकती है।
फिलहाल तंबाकू पर कुल मिलाकर लगभग 53 फीसदी टैक्स लगता है, जबकि पान मसाला पर करीब 88 फीसदी टैक्स वसूला जाता है। आने वाले समय में जीएसटी रिफॉर्म्स के पूरा होने के बाद यह टैक्स घटकर 40 फीसदी तक आ सकता है। ऐसे में सरकार इस कमी की भरपाई नए सेस के जरिए करना चाहती है, ताकि राजस्व में कोई कमी न आए।
NCCD एक ऐसा टैक्स है जिसे सरकार खास स्थितियों में, जैसे आपदा राहत या आपातकालीन खर्च के लिए लागू करती है। सरकार का मकसद है कि तंबाकू और पान मसाला जैसे हानिकारक उत्पादों पर टैक्स का बोझ बना रहे और जनता को इनके सेवन से भी हतोत्साहित किया जा सके।


