लातेहार (पायल): झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नई दिशा के तहत बुधवार को जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के पांच लाख का इनामी सब-जोनल कमांडर ब्रजेश यादव उर्फ राकेश और एरिया कमांडर अवधेश लोहरा उर्फ रोहित ने सरेंडर कर दिया।
पलामू आइजी शैलेन्द्र कुमार सिन्हा एवं 11 वीं बटालियन सीआरपीएफ कमांडेंट यादराम बुनकर एवं एसपी कुमार गौरव के समक्ष पुलिस मुख्यालय लातेहार में दोनों ने आत्मसमर्पण किया।
उग्रवादी अवधेश लोहरा उर्फ रोहित लोहरा लातेहार जिले के हेरहंज थाना क्षेत्र के बंदुआ एवं ब्रजेश यादव गुमला जिले के कठोकवा ग्राम का रहने वाला है। पुलिस अधिकारियों ने दोनों उग्रवादियों को बुके, शॉल भेंटकर और माला पहनाकर समाज की मुख्य धारा में आने के लिए बधाई दी।
सरेंडर के समय दोनों उग्रवादियों की पत्नियां मौजूद थीं। पलामू आइजी शैलेन्द्र कुमार सिन्हा ने सभी उग्रवादी संगठनों के उग्रवादियों से सरेंडर कर सरकार की आत्मसमपर्ण व पुर्नवास नीति का लाभ लेने एवं सुकून भरी जिंदगी जीने की अपील की है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि सरेंडर नहीं करने पर पुलिस की गोली उन्हें अपना शिकार बनाएगी। 11 वीं बटालियन के कमांडेंट याद राम बुनकर ने कहा कि उग्रवादियों के खिलाफ लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है और इसमें पुलिस को सफलता मिल रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा लगातार चलाए जा रहे छापामारी अभियान में संगठन कमजोर हुआ है। पुलिस अधीक्षक गौरव कुमार ने बताया कि ब्रजेश यादव उर्फ राकेश करीब बीस वर्षों में माओवादी एवं जेजेएमपी का सक्रिय सदस्य रहा है।
माओवादी में सक्रिय रहने के क्रम में वर्ष 2010 में गिरफ्तार होकर जेल गया था। वर्ष 2018 में जेल से बाहर आने के बाद जेजेएमपी का सक्रिय सदस्य रहा। वर्तमान में वह गुमला में संगठन का सबजोनल कमांडरर था।
वह कई पुलिस मुठभेड़ में एवं अन्य उग्रवादी घटनाओं में संलिप्त रहा है। उसके फरार रहने की स्थिति में इसके विरुद्ध सरकार ने पांच लाख का ईनाम घोषित कर रखा है। उग्रवादी बज्रेश यादव पर गुमला, लातेहार व पलामू जिले के थाना में कांड संख्या 17 सीएल एक्ट के तहत 10 मामले दर्ज हैं। जबकि अवधेश लोहरा उर्फ रोहित लोहरा पर जिले में 17 सीएल एक्ट के तहत पांच मामले दर्ज हैं।


