नई दिल्ली (नेहा): भारतीय रुपया सोमवार, 1 दिसंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इतिहास के सबसे नीचले स्तर पर पहुंच गया। यह खबर आने के बाद शेयर बाजार लाल निशान में चला गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 89.83 के स्तर पर आ गया। कुछ हफ्तों पहले रुपया ने 89.49 के लेवल पर रिकॉर्ड लो बनाया था, जो आज टूट गया है। यह खबर देश की अर्थव्यवस्था में कुछ बड़े बदलाव की तरफ संकेत कर रही है। इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ सकता है।
एक तरफ भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत आर्थिक वृद्धि की इशारा कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। यह बात थोड़ी चौंकाने वाली है। दरअसल, आमतौर पर अच्छे इकोनॉमी ग्रोथ से किसी भी देश की करेंसी मजबूत होती है। हाल ही में जारी हुए डेटा के अनुसार, देश की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ दूसरी तिमाही में 8.2% रही, जो उम्मीद से कहीं ज्यादा थी। लेकिन, इस अच्छी खबर का रुपये पर कोई खास असर नहीं दिखा।


