इंदौर (नेहा): देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस समय गंभीर परिचालन संकट से गुजर रही है। बुधवार को 130 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिसमें अकेले बेंगलुरु से 42, दिल्ली से 38, मुंबई से 33, हैदराबाद से 19 और इंदौर से 16 फ्लाइट शामिल रहीं। कई सौ उड़ानों में देरी भी हुई, जिससे दिल्ली, बेंगलुरु, अहमदाबाद, सूरत, इंदौर, हैदराबाद और वाराणसी जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को लंबी कतारों में इंतज़ार करना पड़ा। पिछले दो दिनों में 200 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं।
कंपनी के मुताबिक क्रू की कमी, सर्दियों में बढ़े एयर ट्रैफिक, नई ड्यूटी टाइमिंग नियमावली और कुछ जगहों पर तकनीकी दिक्कतों के कारण यह संकट खड़ा हुआ है। बुधवार को देश के कई एयरपोर्ट्स पर ऑटोमेटिक चेक-इन सिस्टम फेल होने से इंडिगो ही नहीं, स्पाइसजेट, अकासा एयर और एअर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानों पर भी असर पड़ा। बाद में मैनुअल चेक-इन से स्थिति काबू में लाई गई |
इंडिगो घरेलू उड़ान बाजार में लगभग 60% हिस्सेदारी रखती है. 434 विमानों और रोजाना 2300 से अधिक उड़ानों के साथ यह सबसे बड़े नेटवर्क वाला एयरलाइन ऑपरेटर है। नवंबर में भी उसकी 1232 उड़ानें रद्द हुई थीं और मंगलवार को 1400 फ्लाइट देरी से चली थीं। फिलहाल कंपनी के पास करीब 5456 पायलट, 10212 केबिन क्रू मेंबर और कुल 41 हजार नियमित कर्मचारी मौजूद हैं। नए फ्लाइट टाइम लिमिटेशन नियमों में पायलटों के उड़ान भरने की सीमा घटाए जाने और आराम का समय बढ़ाए जाने को क्रू की कमी की मुख्य वजह बताया जा रहा है। पिछले महीने कई एयरपोर्ट्स पर जीपीएस स्पूफिंग की घटनाएं भी सामने आई थीं, जिसमें गलत लोकेशन सिग्नल मिलने से पायलटों को परेशानी हुई थी |
इंदौर में ऑटो चेक-इन सिस्टम ठप होने का बड़ा असर देखने को मिला. यहां 19 उड़ानें देरी से चलीं और 16 रद्द हुईं. 5 हजार से ज्यादा यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। शहर में रोजाना चलने वाली करीब 90 उड़ानों में से 80% इंडिगो की होती हैं, जिनसे प्रतिदिन 12 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। कई यात्रियों ने शिकायत की कि बिना जानकारी दिए उनकी बुकिंग अगले दिन के लिए बदल दी गई | हालात संभालने के लिए इंडिगो ने अगले 48 घंटे तक उड़ानों के शेड्यूल में बदलाव करने का फैसला लिया है. उधर DGCA ने मामले की जांच शुरू कर एयरलाइन से रिपोर्ट तलब की है और माना है कि मौजूदा संकट की मूल वजह क्रू की कमी है |


