नई दिल्ली (नेहा): भारतीय रुपये में हाल के दिनों में लगातार कमजोरी देखने को मिल रही है और इसका सीधा असर विदेशी पूंजी के प्रवाह और घरेलू शेयर बाजारों के रुख से जुड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे टूटकर 89.73 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि इससे पहले यह 89.67 पर खुला था।
विदेशी मुद्रा बाजार के जानकारों का कहना है कि एक तरफ जहां विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली से बाजार पर दबाव बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर घरेलू शेयर बाजारों में सुस्ती भी रुपये की मजबूती में बाधा बन रही है। हालांकि, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने रुपये को निचले स्तर पर कुछ हद तक सहारा जरूर दिया है।
सोमवार को भी रुपया शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख सका और मामूली गिरावट के साथ 89.68 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जहां शेयर बाजार में तेजी से मिलने वाला समर्थन कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण कमजोर पड़ गया। इस दौरान छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.20 प्रतिशत गिरकर 98.08 पर आ गया, लेकिन इसके बावजूद घरेलू बाजारों की कमजोरी रुपये पर हावी रही।


