नई दिल्ली (राघव): भारतीय फुटबॉल टीम के नए कोच का ऐलान किया गया है। खालिद जमील सीनियर भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के हेड कोच बने हैं। AIFF की कार्यकारी कमेटी ने तकनीकी कमेटी की उपस्थिति में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी है। 13 साल बाद भारतीय फुटबॉल टीम को भारतीय कोच मिला है। उनसे पहले 2011-12 में भारत के सावियो मेडेइरा भारतीय टीम के कोच थे।
मनोले मार्केज ने पिछले महीने से भारतीय फुटबॉल के हेड कोच पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय फुटबॉल टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। अब खालिद जमील उनकी जगह लेंगे। हेड कोच की रेस में जमील के अलावा स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन और स्लोवाकिया के मैनेजर स्टीफन टारकोविक शामिल थे। लेकिन अंत में बाजी जमील के हाथ लगी।
कुवैत में जन्मे 49 साल के खालिद जमील ने एक खिलाड़ी (2005 में महिंद्रा यूनाइटेड के साथ) और एक कोच (2017 में आइजॉल एफसी के साथ) के रूप में भारत के शीर्ष डिवीजन खिताब जीते हैं। उन्होंने लगातार दो सालों में AIFF द्वारा (2023-24, 2024-25) में पुरुष कोच ऑफ द ईयर का अवॉर्ड जीता था। अब ये देखना रोमांचक होगा कि वह भारतीय फुटबॉल टीम के हेड कोच के रूप में कितना अच्छा कर पाते हैं। वह इंडियन सुपर लीग के पहले कोच भी हैं।
जमील लंबे समय से भारतीय फुटबॉल से जुड़े हुए हैं। कोच के रूप में अपने एक दशक से भी अधिक समय के करियर की उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि आइजॉल एफसी के साथ 2016-17 का आई-लीग खिताब जीतना था। तब इस क्लब ने मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और बेंगलुरु एफसी जैसी बड़ी टीमों को हराया था। मुंबई के रहने वाले जमील को इंडियन सुपर लीग में कोचिंग का अच्छा खासा अनुभव है। उनके कोच रहते हुए 2020-21 में नॉर्थईस्ट यूनाइटेड और 2024-25 में जमशेदपुर एफसी ने आईएसएल के प्ले ऑफ जगह बनाई थी। उनके सामने अब भारतीय टीम के प्रदर्शन में सुधार लाने की कठिन चुनौती होगी। भारत का पिछले कुछ महीनो में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। भारतीय टीम 10 जून को एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर के एक मैच में निचली रैंकिंग वाली हांगकांग से 0-1 से हार गई थी और उस पर अब 2027 में होने वाली महाद्वीपीय टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने से चूकने का खतरा मंडरा रहा है।