नई दिल्ली (पायल): हाल के दिनों में सीजेआई बीआर गवई पर सुप्रीम कोर्ट में एक व्यक्ति ने जूता उछाला था। इस मामले ने देश में एक नई बहस छेड़ दी। अब इस घटना के करीब एक सप्ताह बाद गुजरात के अहमदाबाद से ऐसा ही प्रकरण सामने आया है।
दरअसल, मंगलवार को अहमदाबाद सत्र न्यायालय में कार्यवाही के दौरान एक व्यक्ति ने न्यायाधीश पर चप्पल फेंकी। इसके तुरंत बाद वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। हालांकि, जिला जज ने व्यक्ति को जाने दिया और किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से मना कर दिया।
जानकारी के अनुसार, जिला न्यायाधीश पर चप्पल उछालने वाला व्यक्ति अपने द्वारा दायर एक मामले में चार आरोपियों को बरी किए जाने से नाराज था। इस मामले को लेकर करंज पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर पीएच भाटी ने जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अपील खारिज होने के बाद व्यक्ति गुस्से में आ गया और उसने न्यायाधीश पर जूता फेंक दिया। आगे कहा कि हालांकि उसे अदालत के कर्मचारियों ने पकड़ लिया था, लेकिन जज ने उसे जाने दिया और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए।
गौरतलब है कि न्यायालय के फैसले से नाराज होकर, याचिकाकर्ता ने जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया और अदालत में दुर्व्यवहार किया। वहां पर मौजूद लोगों ने उसको शांत कराने की कोशिश की। लेकिन, इसी दौरान उस व्यक्ति ने जज पर अपनी चप्पलें फेंक दीं। जज बाल-बाल बच गए और अदालत के कर्मचारियों और पुलिस ने तुरंत शिकायतकर्ता को पकड़ लिया।
इस घटना के बाद गुजरात न्यायिक सेवा संघ ने एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय और अहमदाबाद के सिटी सिविल कोर्ट पर हमले, धमकियां और तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की जाती है।
आगे प्रस्ताव में कहा गया कि ऐसे कृत्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता, गरिमा, सुरक्षा और कार्यप्रणाली पर सीधा हमला हैं। अदालतों को भय, धमकी या हिंसा से मुक्त होकर काम करना चाहिए। न्यायिक अधिकारियों, अदालत परिसर या उनके बुनियादी ढांचे पर किसी भी तरह की धमकी या हमला लोकतंत्र और न्याय की नींव को कमजोर करता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर सुप्रीम कोर्ट के अंदर एक व्यक्ति ने जूता उछालने की कोशिश की थी। यह घटना 6 अक्टूबर को उस समय हुई जब मुख्य न्यायाधीश गवई दिन के पहले मामले की सुनवाई शुरू कर रहे थे।