बरेली (पायल): उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की प्रयागराज इकाई ने माफिया-नेता रहे अतीक अहमद के करीबी सहयोगी को गिरफ्तार किया है, जिसपर 50,000 रुपए का ईनाम था। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसटीएफ की टीम ने बुधवार को दिल्ली के अमर कॉलोनी इलाके से आरोपी अफसार अहमद को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि वह बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में दर्ज एक मामले में वांछित था, जहां उसकी गिरफ्तारी पर ईनाम की घोषणा की गई थी।
पुलिस के अनुसार, अफसार पर आरोप है कि उसने उमेशपाल हत्याकांड में शामिल शूटरों और अतीक अहमद के भाई व पूर्व विधायक अशरफ के बीच बैठक आयोजित की थी, जो उस समय बरेली जेल में बंद था। मामला बिथरी चैनपुर थाने में दर्ज किया गया था, जिसके बाद अधिकारियों ने अफसार की गिरफ्तारी पर 50,000 रुपए के ईनाम की घोषणा की थी। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर 2005 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप था, जिसमें उमेश पाल एक प्रमुख गवाह थे। 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल और उनके दो सरकारी सुरक्षा कर्मियों की प्रयागराज में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य ने कहा कि एसटीएफ ने अफसार अहमद को उमेश पाल हत्याकांड की कथित साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अफसार पर आरोप है कि उसने बरेली जिला जेल में जेल कर्मचारियों के साथ मिलीभगत के तहत अशरफ और शूटरों के बीच एक अवैध बैठक आयोजित कराने में मदद की थी। पुलिस के अनुसार, जेल के अंदर एक अनधिकृत बैठक के दौरान अशरफ ने नौ लोगों से मुलाकात की, जिनमें गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, असद, अरमान, विजय चौधरी उर्फ उस्मान, और सदाकत खान शामिल थे।
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) से बाद में यह पुष्टि हुई कि उमेश पाल की हत्या की साजिश इस बैठक में रची गई थी। अतीक अहमद और उसके सहयोगियों को उमेश पाल की हत्या में आरोपी बनाया गया था। 15 अप्रैल 2023 को पत्रकारों का भेष धारण करके आए तीन लोगों ने अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के समय वे प्रयागराज में स्वास्थ्य जांच के लिए एक अस्पताल ले जाए जा रहे थे। हमलावरों को घटना के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।


