नई दिल्ली (नेहा): रिजर्व बैंक ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया है कि एक तरफ तो देश में बैंकों के नए-नए ब्रांच खुलते जा रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर एटीएम की संख्या में लगातार गिरावट आती जा रही है। महज एक साल के भीतर देशभर में करीब 3 हजार एटीएम बंद हो चुके हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह डिजिटल भुगतान का बढ़ता दायरा है। डिजिटल भुगतान ने अब कैश के इस्तेमाल को काफी कम कर दिया है।
पैसे की निकासी के लिए इस्तेमाल होने वाली एटीएम की संख्या में वित्तवर्ष 2024-25 के दौरान कुल गिरावट आई, जबकि बैंक शाखाओं की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई। देशभर में मार्च, 2025 तक कुल 2,51,057 एटीएम सक्रिय थे जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 2,53,417 था. इस तरह, सालभर में ही करीब 3 हजार एटीएम बंद हो चुके हैं।
आरबीआई ने बताया कि निजी क्षेत्र के बैंकों के एटीएम नेटवर्क में तुलनात्मक रूप से अधिक गिरावट आई है। निजी बैंकों के एटीएम सालभर पहले के 79,884 से घटकर 77,117 रह गए। इसका मतलब है कि इस संख्या में करीब ढाई हजार एटीएम की गिरावट आई है। वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एटीएम 1,34,694 से घटकर 1,33,544 रह गए। इसका मतलब है कि सरकारी बैंकों के एटीएम की संख्या में भी करीब 1 हजार की गिरावट दिख रही है।


