नई दिल्ली (नेहा): भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक युग का अंत होने जा रहा है. लगभग छह दशकों तक आकाश की रक्षा में तैनात मिग-21 लड़ाकू विमान अब ऑपरेशनल सेवा से पूरी तरह बाहर होने जा रहे हैं। यह वही फाइटर जेट है जिसने भारत के कई अहम युद्धों में निर्णायक भूमिका निभाई थी। अगले महीने मिग-21 को औपचारिक रूप से अंतिम विदाई दी जाएगी, लेकिन इससे पहले भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इस ऐतिहासिक विमान में एक अंतिम उड़ान भरकर उसे सशस्त्र बलों की ओर से सलामी दी।
इस ऐतिहासिक उड़ान का गवाह बना राजस्थान का नाल एयरफील्ड, जहां से एयर चीफ ने मिग-21 की कमान संभाली। नाल एयरबेस फिलहाल मिग-21 की अंतिम दो स्क्वाड्रनों का ठिकाना है, जो अगले महीने औपचारिक रूप से चंडीगढ़ में विदाई समारोह के बाद सेवानिवृत्त कर दी जाएंगी।