पटना (पायल): बिहार में होने वाली बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षाओं से महज 24-48 घंटे पहले आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने कामयाबी हासिल की है। बिहार में होने वाली बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षाओं से महज 24-48 घंटे पहले आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सनसनीखेज कामयाबी हासिल की है। मंगलवार सुबह पटना के गोला रोड क्षेत्र से कुख्यात परीक्षा माफिया संजय कुमार प्रभात को धर दबोचा गया। यह वही शख्स है जो पिछले कई सालों से बिहार की तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करवाने के खेल में सक्रिय था।
EOU को खुफिया इनपुट मिला था कि संजय प्रभात ने 10 दिसंबर को होने वाली बिहार पुलिस चालक सिपाही भर्ती परीक्षा और 14 दिसंबर को होने वाली परिवहन विभाग की प्रवर्तन उप निरीक्षक परीक्षा के पेपर लीक करने की पूरी प्लानिंग कर रखी थी। सूचना मिलते ही EOU की स्पेशल टीम ने छापेमारी की और आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के बाद प्रारंभिक पूछताछ में संजय प्रभात ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए:
1. उसने कई बड़ी परीक्षाओं के पेपर पहले भी लीक करवाए।
2. एक पेपर के बदले 10 लाख से 2 करोड़ तक वसूले।
3. पूरे बिहार में जिला स्तर पर उसके एजेंट सक्रिय हैं।
4. सोशल मीडिया और कोड वर्ड्स से करता था डील।
बता दे कि पुलिस अब उसके मोबाइल, बैंक अकाउंट और कॉल डिटेल्स खंगाल रही है। EOU के अधिकारियों ने बताया कि यह सिर्फ शुरुआत है। परीक्षा माफिया के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए राज्यभर में विशेष अभियान चल रहा है। कई और संदिग्धों पर लगातार निगरानी की जा रही है और अगले कुछ दिनों में कई बड़ी गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
बिहार पुलिस और EOU ने सभी अभ्यर्थियों से अपील की है, “कोई भी व्यक्ति पेपर लीक या सॉल्वर गैंग का ऑफर दे तो तुरंत 06228-229999 (EOU हेल्पलाइन) या 100 पर सूचना दें। आपकी पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी।” इस कार्रवाई से लाखों परीक्षा देने वाले युवाओं में सुरक्षा और भरोसे का माहौल बना है। परीक्षा केंद्रों पर तीन लेयर सिक्योरिटी, जैमर और ड्रोन निगरानी की भी पूरी तैयारी कर ली गई है।


