नई दिल्ली (नेहा): दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने गुरुवार को इतिहास रच दिया है। यह 0.9% की बढ़ोतरी के साथ 124,002.49 डॉलर पर पहुंच गया, जो इसका नया रिकॉर्ड हाई लेवल है। वहीं, दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर भी 2021 के बाद अपने हाई लेवल 4,780.04 डॉलर पर पहुंच गई। क्रिप्टो मार्केट में उछाल आने की कई अहम वजहें हैं। इनमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की लिब्रल मॉनिटरी पॉलिसी की उम्मीदें, ट्रंप की क्रिप्टो पर पॉजिटिव पॉलिसीज और हाल में हुए वित्तीय सुधार शामिल हैं।
मार्केट एनालिस्ट टॉनी सायकेमोर के मुताबिक, फेडरल रिजर्व रेट कट की बढ़ती उम्मीदों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है। इसके अलावा, बड़े इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्ट और ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन की क्रिप्टो को बढ़ावा देने वाली नीतियां भी इस रैली को बल दिया है। 2025 में बिटकॉइन की कीमत में लगभग 32% की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद क्रिप्टो सेक्टर को मिली रेगुलेटरी छूट का परिणाम है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद को क्रिप्टो प्रेसिंडेट के रूप में पेश किया। इसके अलावा, उनकी फैमली पिछले एक वर्ष से इस सेक्टर में एक्टिव है।
बता दें कि बीते सप्ताह एक आदेश ने क्रिप्टोकरेंसी को 401(के) रिटायरमेंट प्लान में शामिल करने का रास्ता साफ किया। इससे क्रिप्टो को अमेरिका में एक अनुकूल नियामक माहौल मिला है। 2025 में अमेरिका में क्रिप्टो के लिए कई नियमों में छूट दी गई, जिसमें स्टेबलकॉइन नियमों को स्वीकृति और सिक्योरिटीज रेगुलेटर की ओर से क्रिप्टो के अनुकूल नियमों में बदलाव शामिल हैं। इन संशोधनों ने क्रिप्टो को मेनस्ट्रीम के फाइनेंशियल सिस्टम में और मजबूती दी है।
गौरतलब है कि बिटकॉइन में भारी उछाल ने पूरे क्रिप्टो मार्केट को हला दिया है। कॉइनमार्केटकप डेटा की मानें, तो क्रिप्टो सेक्टर का टोटल मार्केट कैप 4.18 ट्रिलियन डॉलर के लेवल को पार कर गया। वहीं, नवंबर 2024 में यह 2.5 ट्रिलियन डॉलर था। इस बढ़ोतरी ने ट्रंप की टैरिफ पॉलिसीज से आने वाली रुकावटों को भी नजरअंदाज कर दिया।