नई दिल्ली (नेहा): दिल्ली में हाल ही में आई बाढ़ ने कई लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। यमुना के उफान के कारण किनारे बसे लोगों को अपने घर छोड़कर तंबू में रहना पड़ा। बाढ़ के बाद लौटे तो लोगों ने देखा कि बच्चों की किताबें, स्कूल के सामान और जरूरी दस्तावेज कीचड़ और गाद में तबाह हो गए हैं। इस संकट के मद्देनजर, आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली सरकार से 4 अहम मांगें की हैं. बाढ़ प्रभावितों के लिए बेहतर राहत शिविरों की व्यवस्था। खराब हुए घरों और सामग्री की मुआवजा योजना। स्वास्थ्य और स्वच्छता की पर्याप्त व्यवस्था ताकि बाढ़ के बाद बीमारियों से बचाव हो। जल निकासी और बाढ़ नियंत्रण के लिए दीर्घकालिक उपाय।
नेता प्रतिपक्ष और कालकाजी विधायक आतिशी ने कहा कि राहत शिविरों की स्थिति खस्ता है और तत्काल सुधार की जरूरत है। उन्होंने साथ ही लोगों की मदद और सहायतार्थ त्वरित कदम उठाने की भी मांग की। दिल्ली में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद को लेकर नेता प्रतिपक्ष और कालकाजी विधायक आतिशी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आतिशी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने राहत शिविरों में पानी, बिजली, साफ-सफाई और खाने-पीने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की है। उन्होंने कहा, “प्रभावित परिवार बहुत दुखी हैं, उनका बहुत नुकसान हुआ है। सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती।”
उन्होंने यह भी बताया कि लोग अब दिल्ली सरकार (रेखा गुप्ता नेतृत्व) से मदद की आस लगाए बैठे हैं। AAP की तरफ से आतिशी ने सरकार से 4 प्रमुख मांगें रखीं: आतिशी ने कहा कि ये उपाय तुरंत लागू किए जाएं ताकि प्रभावित लोग अपने जीवन को जल्द पटरी पर ला सकें और यमुना बाढ़ के बाद हुए नुकसान की भरपाई हो सके। दिल्ली में हाल ही में आई बाढ़ और उससे उत्पन्न जलभराव को लेकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि राहत शिवरों की स्थिति देखकर ऐसा लगता है जैसे दिल्ली में कोई सरकार ही नहीं है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि दिल्ली के लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं। केजरीवाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि इस साल बारिश के समय शालीमार बाग, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, पटपड़गंज, तुगलकाबाद, ग्रेटर कैलाश और कनॉट प्लेस जैसी जगहें पूरी तरह जलभराव की स्थिति में बदल गई थीं। इस पर नेता प्रतिपक्ष और कालकाजी विधायक आतिशी ने भी कहा कि इस साल दिल्लीवासियों ने अत्यधिक परेशानियां झेली हैं और बाढ़ के समय शहर में सुरक्षित और व्यवस्थित राहत शिवरों की व्यवस्था तुरंत जरूरी है।