नई दिल्ली (नेहा): आने वाले दिनों में बस का सफर सस्ता हो सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि उनका मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने वाले राज्य और निजी बस संचालकों को लाभ देने के लिए एक टोल नीति पर काम कर रहा है। सरकार ने राजमार्ग पर परेशानी मुक्त यात्रा की दिशा में एक कदम उठाते हुए गैर-वाणिज्यिक वाहनों के लिए फास्टैग आधारित वार्षिक पास की शुरुआत कर दी है, जिसकी कीमत 3,000 रुपये है। यह पास 15 अगस्त से प्रभावी है। यह पास सक्रिय होने की तारीख से एक वर्ष या 200 यात्राओं (जो पहले हो) तक वैध होगा। यह पास विशेष रूप से गैर-वाणिज्यिक निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए बनाया गया है।
गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि हम राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने वाले राज्य और निजी बस संचालकों को लाभ प्रदान करने के लिए एक टोल नीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से हरित हाइड्रोजन चालित ट्रकों के संचालन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 10 राजमार्ग खंडों की पहचान की है। इनमें ग्रेटर नोएडा-दिल्ली-आगरा, भुवनेश्वर-पुरी-कोणार्क, अहमदाबाद-वडोदरा-सूरत, साहिबाबाद-फरीदाबाद-दिल्ली, जमशेदपुर-कलिंगनगर, तिरुवनंतपुरम-कोच्चि और जामनगर-अहमदाबाद आदि शामिल हैं।
गडकरी ने कहा कि इन खंडों पर इंडिया ऑयल और रिलायंस पेट्रोलियम द्वारा हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड और वोल्वो ने पहले ही हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रक बनाना शुरू कर दिया है। गडकरी ने यह भी कहा कि एनएचएआई राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे निजी भूमि पर 750 सुविधाएं बना रहा है।