नई दिल्ली (नेहा): केंद्र सरकार ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को दी गई सीआरपीएफ की ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली है। कुछ दिन पहले ही रेखा गुप्ता पर हुए हमले के बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा प्रदान की थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उनकी सुरक्षा का जिम्मा फिर से दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त की सुबह सिविल लाइंस इलाके में उनके कार्यालय में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति ने हमला किया था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस हमले को उनकी हत्या की सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया था। इस घटना के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विशिष्ट व्यक्तियों को दी जाने वाली सीआरपीएफ की ‘वीआईपी’ सुरक्षा शाखा को केंद्र के ‘जेड’ श्रेणी सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था। सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ सुरक्षा वापस ले ली गई है और अब दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्री को सुरक्षा प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ सुरक्षा बढ़ाने का आदेश केंद्र की ओर से औपचारिक रूप से जारी किया जाना था लेकिन योजना में बदलाव हुआ और सुरक्षा वापस लेने के आदेश जारी किए गए।
दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री पर हमले की जांच के सिलसिले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें मुख्य आरोपी पेशे से ऑटो ड्राइवर राजेश खिमजी भी शामिल है, जो गुजरात के राजकोट का निवासी है। उसकी उम्र 41 वर्ष है। इस मामले में पुलिस ने हमलावर के दोस्त को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने हमलावर राजेश के दोस्त तहसीन को राजकोट से गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक, इस घटना के दौरान तहसीन लगातार अपने दोस्त राजेश के संपर्क में था। राजकोट से आरोपी के दोस्त ने उसकी सहायता करने के लिए पैसे भिजवाए थे। पुलिस के मुताबिक, मुख्यमंत्री आवास पर जाने से पहले राजेश सुप्रीम कोर्ट भी गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए वह वापस शालीमार बाग मुख्यमंत्री आवास पहुंचा।