नई दिल्ली (नेहा): भारत के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान 30 मई से 1 जून 2025 तक सिंगापुर में आयोजित होने वाली शांगरी-ला वार्ता में भाग लेने के लिए सिंगापुर यात्रा पर रहेंगे। यह यात्रा उनके लिए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा है, जो भारत की सैन्य कूटनीति और रणनीतिक साझेदारी को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है
शांगरी-ला वार्ता, जिसे इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) द्वारा आयोजित किया जाता है, एशिया का प्रमुख रक्षा और सुरक्षा शिखर सम्मेलन है। इसमें 40 से अधिक देशों के रक्षा मंत्री, सैन्य प्रमुख और नीति निर्माता भाग लेते हैं, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करते हैं। यह वार्ता देशों के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ता के लिए एक मंच प्रदान करती है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा मिलता है।
अपने दौरे के दौरान, जनरल चौहान कई देशों के रक्षा प्रमुखों और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। इन बैठकों में वे भारत की रक्षा नीति, क्षेत्रीय सुरक्षा, और सामरिक साझेदारी पर चर्चा करेंगे। इसके अतिरिक्त, वे शैक्षणिक संस्थानों, थिंक टैंकों और शोधकर्ताओं के साथ भी संवाद करेंगे, जिसमें “भविष्य के युद्ध और युद्धकला” और “भविष्य की चुनौतियों के लिए रक्षा नवाचार समाधान” जैसे विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे।
यह सम्मेलन भारत के लिए अपनी रणनीतिक भागीदारी को बढ़ाने और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को सशक्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। जनरल चौहान की भागीदारी से भारत की सैन्य कूटनीति को मजबूती मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को सुदृढ़ किया जाएगा।