नई दिल्ली (नेहा)- हर साल दीपावली से पहले और धनतेरस के बाद कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को छोटी दिवालीके रूप में मनाया जाता है। इसे नरक चतुर्दशी, काली चतुर्दशी और रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन तिल का तेल लगा कर स्नान करने की परंपरा है, इसी कारण इसे रूप चौदस भी कहा गया है। इस दिन भगवान कृष्ण, हनुमान जी, यमराज और मां काली की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान पंचदेवों, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव, विष्णु और सूर्यदेव की स्थापना की जाती है। पंचदेवों का गंगा जल से स्नान करा कर, रोली या चंदन से तिलक किया जाता है। सभी देवों को जनेऊ, कलावा, वस्त्र और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद सभी देवों के मंत्रों और स्तुति का पाठ किया जाता है। पूजा का समापन आरती के बाद करें।
छोटी दिवाली आज… यम का दीपक और अभ्यंग स्नान का मुहूर्त अलग-अलग
नई दिल्ली (नेहा)- कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) मनाई जाती है, जो आज 19 अक्टूबर दिन रविवार को पड़ रही है और यह दोपहर 01:51 बजे से लेकर 20 अक्टूबर दोपहर 03:44 बजे तक रहेगी।
नरक चतुर्दशी पर शाम को प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है। इस बार नरक चतुर्दशी पर यम का दीपक और अभ्यंग स्नान का मुहूर्त दो अलग-अलग समय पर रहने वाला है। 19 अक्टूबर को शाम 05:50 बजे से लेकर शाम 07:02 बजे तक यम का दीपक जलाने का मुहूर्त है। जबकि अगले दिन सुबह यानी 20 अक्टूबर को सुबह में 05:13 बजे से सुबह 06:25 बजे के बीच अभ्यंग स्नान किया जाएगा।