नई दिल्ली (नेहा): रोहिणी सेक्टर-7 स्थित डी-12 साईं बाबा मार्केट में बुधवार की शाम एक पुरानी दो मंजिला इमारत में मरम्मत का काम चल रहा था, तभी अचानक से पहली और दूसरी मंजिल भरभरा कर गिर गई। पहली मंजिल पर काम कर रहे चार से पांच की संख्या में श्रमिक मलबे के अंंदर से खुद ही बाहर निकल गए। गनीमत रही कि जिस समय इमारत गिरी, नीचे सड़क पर कोई मौजूद नहीं था। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस हादसे में श्रमिकों को मामूली चोटे लगी हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तुरंत घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां घायलों का इलाज जारी है। रोहिणी जिला के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलते ही दमकल विभाग, डीडीएमए, एनडीआरएफ, एमसीडी व अन्य बचाव दल मौके पर पहुंच गए। मौके से मलबा हटाने का काम देर रात तक जारी रहा।
दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि शाम करीब 4:02 बजे उनकी टीम को सूचना मिली रोहिणी सेक्टर-7 स्थित डी-12 की मार्केट में एक व्यवसायिक इमारत गिर गई है। सूचना मिलते ही फौरन मौके पर दमकल की पांच गाड़ियों को भेजा गया। टीम मौके पर पहुंची तो वहां लोगों की भारी भीड़ जुटी थी। अंदर इमारत में काम कर रहे श्रमिक भी बाहर निकल चुके थे। इमारत का मलबा पूरी तरह सड़क पर गिरा हुआ था, जिससे सड़क बाधित हो रही थी। बाद में दिल्ली नगर निगम के अर्थमूवर मशीन और ट्रक की मदद से सड़क के मलबे को हटाने का काम शुरू हुआ।
स्थानीय लोगों ने बताया कि 48 मीटर की इस इमारत के भूतल और पहली मंजिल को 1981-84 के बीच दो लोगों को आवंटित की थी। फिर बाद में अवैध तरीके से दूसरी मंजिल भी बना दी गई। लेकिन उस समय डीडीए के अधिकारियों ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की। करीब 15 वर्ष से इस पूरी इमारत का इस्तेमाल व्यवसायिक रूप में किया जा रहा था। छह महीने पहले ही एक बिल्डर ने इस इमारत कोे खरीद कर मरम्मत का काम करा रहा था। इस इमारत के भूतल पर चा दुकानें हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित है। शुरुआती जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि पहली मंजिल पर शोरूम बनाने के लिए इमारत की दीवारें हटाई जा रही थी। इसी दौरान यह हादसा हुआ।
क्राइम टीम के अलावा एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। रोहणी उत्तरी थाना पुलिस श्रमिकों के अलावा आसपास मौजूद लोगों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है। इमारत के मालिक व ठेकेदार की तलाश की जा रही है। इस इमारत के आसपास शाम होते ही लोगों की भीड़ लग जाती है। क्योंकि आसपास फास्ट फूड बेचने वाले आते हैं, जहां रोजाना काफी संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। गनीमत रही कि हादसा शाम 4 बजे के करीब हुई, अगर शाम 6 बजे के बाद ऐसा होता तो, मलबे की चपेट में कई लोग आते ।