नई दिल्ली (नेहा): लाल किला के पास फिदायीन हमले के महत किए गए विस्फोट के छह दिन बाद भी घटनास्थल और आस-पास खड़ी गाड़ियों को उनके मालिकों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। विस्फोट की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई कारों के परखच्चे उड़ गए, जबकि एक दो दर्जन से अधिक वाहन अभी भी उसी जगह खड़े हैं। एनआईए, दिल्ली पुलिस और फारेंसिक टीम की जांच जारी रहने के कारण इन वाहनों को हटाने की अनुमति नहीं दी गई है और न ही रास्ते को खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
गाड़ियों के मालिक हर दिन घंटों लाल किला परिसर के बाहर खड़े होकर अपने वाहनों का इंतजार कर रहे हैं। अधिकांश लोग दो से तीन घंटे तक वहां रुकते हैं, इस उम्मीद में कि शायद आज उनकी कार, स्कूटी या मोटरसाइकिल उन्हें सौंप दी जाएगी। हादसे के 10 नवंबर को होने के बाद अब छठा दिन बीत चुका है, लेकिन वाहन मालिकों की परेशानी जस की तस बनी हुई है।
लाल किला की पार्किंग में मोहम्मद उमर अपनी कार को पार्किंग में खड़ी कर तीन घंटे तक उसी में बैठे रहे थे। वहां पार्किंग में खड़ी लगभग 60 से 70 गाड़ियां अभी तक बाहर नहीं निकाली गई हैं। गाड़ियां न निकाल पाने से आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पार्किंग और आसपास खड़ी सभी गाड़ियों की बारीकी से जांच की जा रही है, इसलिए उन्हें अभी बाहर निकालने की अनुमति नहीं दी जा रही है। घटना के इतने दिन बाद भी वाहन मालिकों की परेशानी कम नहीं हुई है। लोग केवल इस इंतजार में हैं कि कब जांच टीमें वाहनों को क्लियर कर उन्हें वापस सौंपेंगी।


