मुंबई (नेहा): फिल्म उदयपुर फाइल्स देखने का प्लान बना रहे दर्शकों के लिए एक बैड न्यूज है। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कन्हैया लाल पर बनी उदयपुर फाइल्स पर रोक लगा दी गई है। इस रोक का कारण सामूहिक भावनाओं को आहत करना और सांप्रदायिक सौहार्द के बिगाड़ने तथा देश में अशांति फैलने की संभावनाएं हैं। यह फैसला एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया गया, जिसमें फिल्म पर संवेदनशील धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया गया है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया कि भारत सरकार के पास सिनेमेटोग्राफ एक्ट, 1952 की धारा 6 के तहत यह अधिकार है कि वह किसी फिल्म की रिलीज को रोक सकती है, यदि उसे लगता है कि वह सार्वजनिक शांति, नैतिकता या सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है।
कोर्ट ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लेती, तब तक ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर अंतरिम रोक जारी रहेगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद से यह भी कहा कि वह फिल्म के सर्टिफिकेट को चुनौती देने के लिए सरकार को औपचारिक अर्जी दे। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह इस विवाद पर सात दिनों के भीतर उचित निर्णय ले और अदालत को उसकी जानकारी दे।