नई दिल्ली (नेहा): मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) में मंगलवार को एक बम विस्फोट करने की धमकी संबंधित ईमेल मिला। ईमेल में एमएएमसी और मुख्यमंत्री सचिवालय में बम धमाके की धमकी दी गई है। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस की ओर से मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के मुताबिक तत्काल और समन्वित कार्रवाई शुरू की गई है। पुलिस और बम निरोधक दस्ता एमएएमसी और सचिवालय परिसर की गहन जांच कर रही है।
जिला पुलिस उपायुक्त निधिन वाल्सन ने बताया कि दोनों स्थानों पर मौजूद सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि धमकी वाले ईमेल के प्रारंभिक मूल्यांकन से पता चला है कि यह पहले भेजे गए ऐसे फर्जी ईमेल से मिलता-जुलता है। आशंका है कि यह संदेश किसी अन्य राज्य के किसी स्थान के लिए भेजा गया हो सकता है। इस मेल को पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है और सभी सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सहित पुलिस के तमाम अधिकारी दोनों जगहों की जांच पड़ताल में जुटे हुए हैं। जिले की साइबर सेल धमकी भरे ईमेल की उत्पत्ति और प्रामाणिकता की जांच में जुट गई है। डीडीएमए, ट्रैफिक पुलिस और स्पेशल सेल सहित संबंधित एजेंसियों को सूचित कर दिया गया है और वह कार्रवाई में शामिल हो गए हैं।
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के अनुसार, धमकी के संबंध में एक अलग कॉल भी प्राप्त हुई, जिसके बाद एहतियात के तौर पर कई दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि धमकी भरे ईमेल में एमएएमसी और मुख्यमंत्री सचिवालय दोनों में संभावित विस्फोट का उल्लेख था। मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के तहत तत्काल और समन्वित कार्रवाई की गई और दोनों जगहों पर बम का पता लगाने और उसे निष्क्रिय करने वाली टीमों (बीडीडीटी) को तैनात किया गया।
पुलिस उपायुक्त (मध्य) निधिन वलसन ने कहा कि अतिरिक्त डीसीपी (मध्य), एसीपी कमला मार्केट और एसएचओ आईपी एस्टेट सहित वरिष्ठ अधिकारी सचिवालय में तोड़फोड़-रोधी जाँच की निगरानी कर रहे थे। एमएएमसी में, आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन के अतिरिक्त यातायात अधिकारी (एटीओ) द्वारा इस अभ्यास की निगरानी की जा रही थी। दोनों स्थानों पर मौजूद लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं। घबराने की कोई बात नहीं है। वलसन ने आगे कहा कि साइबर पुलिस स्टेशन की एक टीम ईमेल की उत्पत्ति और प्रामाणिकता की जाँच कर रही है। प्रारंभिक जाँच में पिछले फर्जी धमकी भरे ईमेल से समानताएँ सामने आई हैं।