नई दिल्ली (नेहा): भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने FIDE महिला विश्व कप से फाइनल में जगह पक्की कर ली है। उन्होंने पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंग्यी को सेमीफाइनल मुकाबले में 1.5-0.5 के अंतर से हराया। दिव्या इस टूर्नामेंट के इतिहास में फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। इस जीत के साथ ही उन्होंने अपना पहला जीएम नॉर्म भी हासिल किया। 19 साल की दिव्या ने सफेद मोहरों से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। इसके साथ ही उन्होंने महिला कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट 2026 में जगह पक्की कर ली है।
वर्ल्ड नंबर 18 दिव्या ने पहले सेमीफाइनल में काले मोहरों से खेलते हुए ड्रॉ खेला था। दूसरे गेम में उन्हें सफेद मोहरों से खेलने का फायदा मिला। उन्होंने बीच के खेल में लगातार दबाव बनाया और तान झोंग्यी को गलतियां करने पर मजबूर कर दिया। दिव्या ने बड़ी कुशलता से अपनी स्थिति को जीत में बदल दिया। यह जीत भारतीय महिला शतरंज के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
इस बीच, ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी का दूसरा सेमीफाइनल चीन की लेई टिंगजी के साथ ड्रॉ रहा। अब उन्हें टाई-ब्रेक खेलना होगा। हम्पी के पास सफेद मोहरे थे, लेकिन वह लेई के मजबूत बचाव को नहीं तोड़ पाईं। अब दोनों खिलाड़ी गुरुवार को रैपिड और ब्लिट्ज टाई-ब्रेक गेम खेलेंगी। इससे पता चलेगा कि फाइनल में दूसरा स्थान किसे मिलेगा।
इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में दो भारतीय खिलाड़ी थीं।दिव्या की फाइनल तक पहुंचने के दौरान कई अनुभवी खिलाड़ियों को हराया है। उन्होंने निडर होकर आक्रामक शतरंज खेली है। तान झोंग्यी अपनी मजबूत खेल के लिए जानी जाती हैं। दिव्या ने उन्हें हराकर दिखा दिया है कि वह महिला शतरंज में एक नई स्टार हैं।