नई दिल्ली (नेहा): मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति लाने की तैयारी कर रही है। इस नीति का मकसद शराब की दुकानों को बेहतर बनाना और सुरक्षित माहौल देना है। नई आबकारी नीति के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी शराब कारोबारियों से बात कर रही है। इसके साथ ही सरकार चाहती है कि दिल्ली में शराब के दाम पड़ोसी राज्यों जैसे हों। इसके साथ ही घनी आबादी वाले इलाकों से दुकानों को हटाने पर विचार किया जा रहा है।
दिल्ली की नई शराब नीति का नया मसौदा तैयार किया जा रहा है। सोमवार को लोक निर्माण विभाग के मंत्री प्रवेश वर्मा की अगुवाई में एक हाई लेवल मीटिंग की गई। पैनल में उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद और आबकारी विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति के तहत राजधानी में प्रीमियम ब्रांड की शराब आसानी से उपलब्ध कराना चाहती है। अभी ये ब्रांड दिल्ली में कम मिलते हैं, इसलिए लोग हरियाणा और उत्तर प्रदेश की ओर रुख करते हैं। इससे दिल्ली के राजस्व में काफी नुकसान होता है।
आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि नई नीति से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दिल्ली को पड़ोसी राज्यों की वजह से राजस्व का नुकसान न हो। सरकार शराब की दुकानों को साफ-सुथरा और अच्छा बनाना चाहती है। दुकानों में अच्छी रोशनी होनी चाहिए ताकि महिलाएं भी सुरक्षित महसूस करें। प्रवेश वर्मा ने कहा, अब शराब की दुकानों को असुरक्षित और बदसूरत मानने का समय खत्म हो गया है।
अभी दिल्ली में चार सरकारी कंपनियां शराब बेचती हैं। हर दुकान को शराब पर 50 रुपये का फिक्स्ड प्रॉफिट मिलता है। इससे दुकानों में नए ब्रांड और ग्राहकों को अच्छा अनुभव देने का मौका कम हो जाता है। कमेटी ने कईजैसे संगठनों से बात की है। अगली बैठक में दुकानदारों और स्थानीय लोगों से बात की जाएगी।
बता दें 2025-26 के लिए पुरानी आबकारी नीति को बढ़ा दिया गया है। यह अगले साल 31 मार्च तक लागू रहेगी। नई नीति 2022 में लागू हुई नीति की जगह लेगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली के लिए एक पारदर्शी और सामाजिक रूप से अच्छी शराब नीति जरूरी है।