बहादुरगढ़ (नेहा): हरियाणा के बहादुरगढ़ में ड्रेन टूटने से हालात बिगड़ गए हैं। बाढ़ राहत प्रबंधन के लिए सेना बुलाई गई है। आर्मी की डोट डिविजन हिसार के 80 से ज्यादा जवान बाढ़ राहत प्रबंधन में जुटे हुए हैं। दरअसल मंगेशपुर ड्रेन टूटने से औद्योगिक और रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है। इलाके में बाढ़ जैसे हालात हैं। बहादुरगढ़ के साथ दिल्ली के कई इलाकों में भी पानी भर गया है। औद्योगिक क्षेत्र के साथ छोटूराम नगर और विवेकानन्द नगर में लोगों के घरों में चार से पांच फीट तक पानी जमा हो गया है। औद्योगिक क्षेत्र में मारूति कंपनी के स्टॉकयार्ड में भी पानी भर गया है। जहां 150 से ज्यादा गाड़ियां पानी में डूब गई हैं।
भारी बारिश के कारण मुंगेशपुर ड्रेन ओवरफ्लो होकर कई जगहों से टूट गया। औद्योगिक क्षेत्र के पास करीबन 12 से 15 फीट चौड़ा कट ड्रेन में बना हुआ है। जहां से लगातार पानी खेतों के साथ औद्योगिक और रिहायशी एरिया में बह रहा है। मुंगेशपुर ड्रेन के कट को जोड़ने, मंगेशपुर ड्रेन की स्ट्रैंथनिंग का काम युद्धस्तर पर जारी है। सेना की टीम 8 नाव लेकर और एसडीआरएफ की टीम 4 नाव लेकर रेस्क्यू ऑपेशन चला रही है और ड्रेन के तटबंध को ठीक करने में जुटी हुई है। लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण दिक्कतें भी आ रही है।
इसके लिए लोहे के बड़े बड़े जालनुमा बॉक्स बनाकर तटबंध के कट पर लगाए गए हैं और उन लोहे के बॉक्स में मिट्टी के कट्टे प्लास्टिक बैग्स में डालकर लगाए गए हैं। तटबंध ठीक कर पानी के बहाव को रोकने और राहत कार्यों में सेना, एसडीआरएफ के साथ सिंचाई विभाग और नगर परिषद के कर्मचारी भी लगे हुए हैं। राहत कार्यों में जुटे कर्मचारियों के लिए सेना ने मेडिकल कैम्प भी पास में लगा रखा है। वहीं कर्मचारियों के खाने पीने की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग ने संभाल रखी है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन इशान सिवाच दिन रात मौके पर ही डटे हुए हैं और तटबंध को दुरूस्त करवाने में जुटे हुए हैं। कर्मचारियों के लिए चाय नाश्ता, खाना, बिस्कुट और फलों की व्यवस्था भी सिंचाई विभाग की तरफ से की गई है।
बहादुरगढ़ औद्योगिक एरिया की कई फैक्ट्रियों में भी पानी भरा हुआ है। मुंगेशपुर ड्रेन के तटबंध को ठीक करने के लिए ट्रैक्टरों के सहारे मिट्टी के बैग ड्रेन के तटबंध कटाव से 100 मीटर पहले तक भेजे जाते हैं। वहां से सेना की नाव में मिट्टी के बैग आगे ले जाए जाते हैं और उसके बाद कटाव को बंद करने का काम हो पा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि देर रात तक मुंगेशपुर ड्रेन का कटाव बंद हो सकता है। इसके बाद थोड़ी राहत की उम्मीद की जा सकती है। छोटूराम नगर और विवेकानन्द नगर में लोगों को बाढ़ राहत के लिए एसडीएम कार्यालय में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। अगर जरूरत पड़ती है तो प्रशासन अस्थाई आशियाने भी उपलब्ध करवाने के लिए तैयार है