नई दिल्ली (नेहा): ब्रिटेन में बिकने वाले रोज़मर्रा के फल और सब्ज़ियों को लेकर एक नई चिंता सामने आई है। हालिया जांच में कई ऐसे कीटनाशक पाए गए हैं, जिनका संबंध कैंसर और हार्मोन से जुड़ी बीमारियों से जोड़ा जाता है। इससे आम लोगों की सेहत पर पड़ने वाले असर को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
सरकार की ओर से पिछले साल खाने-पीने की चीजों के 3,482 सैंपल की जांच कराई गई। इन सैंपल्स का विश्लेषण Pesticide Action Network UK (PAN UK) ने किया। जांच में 17 तरह के फल और सब्ज़ियों में कुल 123 अलग-अलग रसायन पाए गए। इनमें 42 ऐसे कीटनाशक थे, जिन्हें कैंसर से जुड़ा माना जाता है, जबकि 21 रसायन शरीर के हार्मोन सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं।
जांच में अंगूर सबसे ज्यादा प्रभावित पाए गए। टर्की से आए सुल्ताना अंगूर के एक सैंपल में 16 तरह के कीटनाशक मिले, जिनमें PFAS जैसे ‘Forever Chemicals’ भी शामिल थे। ये रसायन लंबे समय तक नष्ट नहीं होते और शरीर में जमा होकर नुकसान पहुंचा सकते हैं। कुल 108 अंगूर सैंपल में से करीब 90 प्रतिशत में एक से ज्यादा कीटनाशक मौजूद थे। ग्रेपफ्रूट की जांच में भी लगभग यही स्थिति सामने आई। 121 सैंपल में से 99 प्रतिशत में कई तरह के रसायन पाए गए। एक किलो ग्रेपफ्रूट में 10 अलग-अलग केमिकल तक मिले।
लाइम के 24 सैंपल में से करीब 79 प्रतिशत में कई कीटनाशक पाए गए। इसके अलावा केला, शिमला मिर्च, खरबूजा और मिर्च में भी रसायनों का स्तर ज्यादा रहा। एक मिर्च के सैंपल में 11 और एक ब्रोकोली सैंपल में आठ अलग-अलग कीटनाशक मिले। सरकारी पर्यावरण समिति के अनुसार, 2024 में जांचे गए करीब 46.67 प्रतिशत सैंपल में कीटनाशकों के अवशेष मिले। इनमें से ज्यादातर तय कानूनी सीमा के भीतर थे, लेकिन करीब 2 प्रतिशत सैंपल सीमा से अधिक पाए गए। समिति का कहना है कि सीमा से ऊपर होना हमेशा तुरंत खतरे का संकेत नहीं होता।


