पानीपत (राघव): हरियाणा में जून माह के बिजली बिलों ने उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा बिजली दरों के स्लैब में बदलाव और प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज लगाने के कारण बिजली के बिल 12 से 30 फीसदी तक बढ़ गए हैं। सबसे अधिक प्रभाव पांच किलोवाट के कनेक्शन धारकों पर पड़ा है। पहले जहां 50 यूनिट या उससे अधिक खपत पर 2.50 से 6.30 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल लिया जाता था, अब यह बढ़कर 6.50 से 7.50 रुपये प्रति यूनिट हो गया है। इससे न केवल आम उपभोक्ता बल्कि कारोबारियों में भी चिंता फैल गई है। विपक्ष ने सरकार पर बिजली महंगी करने का आरोप लगाया है।
बिजली कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में अनुमानित 4520.24 करोड़ रुपये के घाटे को इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण बताया है। उनका कहना है कि पिछले आठ वर्षों में पहली बार फिक्स चार्ज और प्रति यूनिट बिजली दर में 20 पैसे की वृद्धि की गई है। हरियाणा में कुल घरेलू उपभोक्ताओं में से करीब 78 फीसदी 2 किलोवाट तक के लोड वाले हैं, लगभग 16 प्रतिशत उपभोक्ता 2 से 5 किलोवाट के बीच हैं, जबकि केवल 6 प्रतिशत पांच किलोवाट से अधिक लोड वाले हैं। इसलिए अधिकांश उपभोक्ताओं के बिल में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है।
घरेलू उपभोक्ताओं को लोड के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहले 151-250 यूनिट का स्लैब अब बढ़ाकर 151-300 यूनिट कर दिया गया है। दूसरा स्लैब 251-500 यूनिट की जगह 301-500 यूनिट का है, जबकि तीसरे स्लैब को 501-800 की जगह 500 यूनिट से ऊपर कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी को लेकर आम जनता और व्यापार दोनों ही परेशान हैं। विपक्ष ने सरकार पर चार गुना बिजली महंगी करने का आरोप लगाया है, जबकि बिजली कंपनियां वित्तीय घाटे का हवाला देकर यह कदम उठाने पर मजबूर हैं।