जम्मू (नेहा): किश्तवाड़ के छात्रू इलाके के जंगल में गुरुवार को सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच एक भीषण मुठभेड़ में सेना का जवान बलिदान हो गया। सुरक्षाबल ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है। चार आतंकियों के फंसे होने की सूचना है।
शुक्रवार को दूसरे दिन भी सेना ने ऑपरेशन जारी रखा। जंगल में ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से आतंकियों की तलाश की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं और पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं। जानकारी के अनुसार, जंगल में सिंहपुरा क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सेना और पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि डीजीपी ने गुरुवार को सिंहपोरा-चटरू इलाके का दौरा किया, जहां आतंकवाद विरोधी अभियान की समीक्षा करने और जमीनी स्थिति और परिचालन रणनीति का आकलन करने के लिए एक बड़ा आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहा था। उन्होंने कहा कि आईजीपी (जम्मू जोन) भीम सेन टूटी और डीआईजी श्रीधर पाटिल के साथ, डीजीपी ने घने जंगल वाले इलाके में अभियान का नेतृत्व कर रहे पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों का एक दल पिछले काफी समय से छात्रू के जंगलों में सक्रिय था। पिछले महीने नौ अप्रैल को सिंहपुरा के पास नेदगांव में तीन आतंकियों को सुरक्षाबाल ने ढेर कर दिया था। तब कहा जा रहा था कि क्षेत्र में अभी एक-दो आतंकी ही बचे हैं, लेकिन इस मुठभेड़ में चार आतंकियों के फंसे होने की सूचना से कहा जा सकता है कि आतंकियों की संख्या ज्यादा हो सकती है। वहीं, एजेंसियां इसकी भी जांच कर रही हैं कि घेरे में फंसे आतंकी कहीं पहलगाम हमले के गुनहगार तो नहीं, जो वहां से भागकर किश्तवाड़ आ गए हैं। इस आशंका के चलते सुरक्षाबल ने अपना अभियान तेज कर दिया है।