नई दिल्ली (नेहा): हर साल जून का तीसरा रविवार बेहद खास होता है। दरअसल, यह दिन (Father’s Day 2025) उन लोगों के लिए समर्पित होता है जो हर परिस्थिति में हमारे साथ मजबूती से खड़े रहते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं ‘पिता’ की। साल 2025 में फादर्स डे 15 जून को मनाया जाएगा, जो सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक फीलिंग है- उन अनकहे एहसासों की, जो एक पिता अपने बच्चों के लिए हर रोज जीता है। कभी डांट में छिपा प्यार, तो कभी खामोशी में छिपा सपोर्ट। बता दें, पिता का प्यार अक्सर शब्दों से ज्यादा, हकीकत में दिखाई देता है। आइए, इस खास मौके पर जानते हैं फादर्स डे का दिलचस्प इतिहास (History of Father’s Day)। आज की भागदौड़ भरी दुनिया में अक्सर हम उन लोगों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो हमारे पीछे खड़े होकर हमारी लड़ाइयों को अपनी चुप्पी से ताकत देते हैं। जी हां, फादर्स डे एक मौका है उस साइलेंट सपोर्ट को महसूस करने का।
आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दिन सिर्फ बायोलॉजिकल फादर के लिए नहीं है, बल्कि उन सभी के लिए है जो किसी की जिंदगी में पिता का स्थान निभाते हैं- दादा, मामा, बड़े भाई, शिक्षक या कोई मार्गदर्शक। यह उनके प्रेम, परवाह और सपोर्ट का सम्मान करने का दिन है। आपको जानकर हैरानी होगी कि फादर्स डे मनाने की शुरुआत एक संवेदनशील भावना के साथ हुई थी। साल 1908 में अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया में पहला फादर्स डे मनाया गया था। बता दें, यह एक दुखद कोयला खदान विस्फोट के बाद हुआ था जिसमें 361 पुरुष मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पिता थे। एक स्थानीय चर्च ने उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया। हालांकि, यह प्रथा आगे नहीं बढ़ी और इसने कोई राष्ट्रीय चलन शुरू नहीं किया।
ऐसे में, पिता दिवस को मुख्यधारा में लाने का श्रेय वाशिंगटन राज्य की सोनोरा स्मार्ट डोड को जाता है। मदर्स डे से प्रेरित होकर, सोनोरा अपने पिता, विलियम जैक्सन स्मार्ट को सम्मानित करना चाहती थीं। बता दें, उनके पिता ने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद छह बच्चों की अकेले परवरिश की थी। सोनोरा को लगा कि जैसे माताओं के लिए मदर्स डे है, वैसे ही पिताओं के लिए भी एक दिन होना चाहिए। उन्होंने जून के महीने में अपने पिता के जन्मदिन पर यह दिन मनाने का प्रस्ताव रखा और इस तरह 19 जून 1910 में पहली बार फादर्स डे मनाया गया।