वाराणसी (राघव): उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में एक धार्मिक आयोजन उस समय भयावह हादसे में तब्दील हो गया जब चौक थाना क्षेत्र के संकठा गली स्थित आत्म विश्वेश्वर महादेव मंदिर में आरती के दौरान अचानक आग लग गई। घटना में मंदिर के पुजारी समेत 9 श्रद्धालु झुलस गए, जिनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए महमूरगंज स्थित जेएस मेमोरियल अस्पताल रेफर किया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
हादसा शनिवार देर शाम उस समय हुआ जब मंदिर में सावन के आखिरी दिन विशेष सज्जा और सप्तऋषि आरती का आयोजन किया गया था। मंदिर और प्रतिमा को रूई और कपड़े से भव्य रूप से सजाया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, आरती के दौरान एक जलता हुआ दीपक अचानक गिर पड़ा, जिसकी लौ ने रूई की सजावट को चपेट में ले लिया। चंद सेकंडों में ही मंदिर परिसर धधक उठा और आग ने विकराल रूप ले लिया। उस वक्त मंदिर में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आग लगते ही वहां अफरा-तफरी मच गई और लोगों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।
झुलसे श्रद्धालुओं की पहचान:
हादसे में झुलसे लोगों की पहचान प्रशासन द्वारा कर ली गई है। घायलों में शामिल हैं:
.प्रिंस पांडेय
.बैकुंठनाथ मिश्रा
.सानिध्य मिश्रा
.सत्यम पांडेय
.शिवान्य मिश्रा
.देव नारायण पांडेय
.कृष्णा
और दो अन्य
इन सभी को पहले मंडलीय चिकित्सालय ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद जेएस मेमोरियल अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया।
प्रशासन और मंत्री पहुंचे अस्पताल
हादसे की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी (DM) समेत अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तुरंत अस्पताल पहुंचे। वहीं परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और उनके इलाज की स्थिति का जायजा लिया। मंत्री ने डॉक्टरों को निर्देश दिया कि घायलों को बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए।
सुरक्षा चूक बनी हादसे की वजह:
.इस दुर्घटना ने धार्मिक स्थलों में आग से सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
.रूई जैसी ज्वलनशील सामग्री से सजावट करना,
.आरती जैसी गतिविधियों के दौरान सावधानी और सुरक्षा उपकरणों की कमी,
.और आपातकालीन निकास व्यवस्था का न होना — सभी ने मिलकर इस हादसे को जन्म दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी बड़ी संख्या में भीड़ और अग्नि का प्रयोग होते हुए भी मंदिर में न तो कोई अग्निशमन यंत्र था और न ही कोई सतर्कता व्यवस्था।
क्या कहता है प्रशासन?
प्रशासन ने हादसे को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि यह घटना लापरवाही का नतीजा प्रतीत होती है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आग की सटीक वजह, सुरक्षा उपायों की स्थिति, और मंदिर प्रबंधन की भूमिका की जांच के लिए विशेष समिति गठित की जा रही है।
स्थानीय श्रद्धालुओं में गहरी चिंता:
हादसे के बाद क्षेत्र में चिंता और नाराजगी का माहौल है। श्रद्धालु और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के समय भीड़ नियंत्रण, अग्नि सुरक्षा और आपातकालीन तैयारी को लेकर मंदिरों और आयोजकों को अधिक सतर्क रहना चाहिए।