ढाका (राघव): बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने कथित तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका का पासपोर्ट हासिल कर लिया है।सूत्रों के अनुसार, उन्होंने वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी नागरिकता की शपथ ली और शनिवार को उन्हें नागरिकता प्रमाण पत्र भी मिल गया। मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने वाशिंगटन डीसी स्थित अमेरिकी नागरिकता केंद्र में अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन किया और शनिवार को उन्हें नागरिकता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद, उन्होंने पासपोर्ट के लिए भी आवेदन किया।
जानकारी के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में विभिन्न देशों से कुल 22 व्यक्तियों ने भाग लिया। इनमें जॉय सहित तीन बांग्लादेशी मूल के थे। वह अपने साथ एक वकील भी लेकर आए थे। तीन बांग्लादेशी मूल के लोगों में जॉय दूसरे ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने शपथ ली। अवामी लीग के नेता और पूर्व सूचना राज्य मंत्री मुहम्मद अली अराफात ने कहा कि चूंकि सजीब वाजेद जॉय का बांग्लादेशी पासपोर्ट, जिसके साथ वह यात्रा करते थे, यूनुस की नाजायज सरकार द्वारा अवैध रूप से रद्द कर दिया गया था। इस परिस्थिति में, उन्हें अमेरिकी पासपोर्ट प्राप्त करना पड़ा।
अराफात ने कहा कि ग्रीन कार्ड किसी व्यक्ति को अमेरिका से बाहर यात्रा करने की अनुमति नहीं देता है और सजीब वाजेद जॉय को अमेरिका से बाहर यात्रा करने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता है। अराफात ने कहा कि जॉय को अपनी मां से मिलने के लिए पासपोर्ट की जरूरत थी। जिसके कारण उन्हें अमेरिकी पासपोर्ट बनवाना पड़ा। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को पिछले साल अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। हसीना के भारत भाग जाने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया।
इससे पहले 10 मई को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए लिया गया था। बयान में कहा गया है कि सलाहकार परिषद की बैठक में देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा करने, जुलाई आंदोलन के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और बांग्लादेश अवामी लीग और उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमा पूरा होने तक अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के वादी और गवाहों की सुरक्षा की आवश्यकता पर चर्चा की गई। आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत साइबरस्पेस सहित अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है।