नई दिल्ली (नेहा): फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ की स्क्रीनिंग पर लगे अनौपचारिक बैन का कड़ा विरोध किया है। संगठन ने कहा है कि यह कदम न सिर्फ क़ानून के खिलाफ है बल्कि फिल्मकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी हमला है। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE), जो 36 से ज्यादा एसोसिएशन और हजारों फिल्म-टीवी वर्कर्स का प्रतिनिधित्व करता है, ने प्रेस रिलीज जारी कर साफ कहा, “यह चौंकाने वाली बात है कि एक फिल्म, जिसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से मंजूरी मिल चुकी है, उसे पश्चिम बंगाल में बगैर किसी आधिकारिक आदेश के रोका जा रहा है। यह न सिर्फ गलत है बल्कि भारतीय सिनेमा के भविष्य के लिए ख़तरनाक मिसाल भी है।”
फेडरेशन ने चेतावनी दी कि थिएटर मालिक अगर इस “अनडिक्लेयर बैन” का पालन करते हैं तो वे जनता के उस लोकतांत्रिक अधिकार को भी छीन रहे हैं जिसके तहत दर्शक अपनी पसंद की फिल्म देख सकते हैं। संगठन ने सरकार से तुरंत दखल देने और फिल्म की स्क्रीनिंग बिना किसी बाधा के सुनिश्चित करने की मांग की है। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने थिएटर मालिकों से भी अपील की है कि वे ‘द बंगाल फाइल्स’ को तुरंत रिलीज करें। प्रेस नोट में कहा गया है कि इस फिल्म में निर्माताओं की मेहनत, निवेश और कला जुड़ी है और दर्शकों को इसे देखने का पूरा अधिकार है। अंत में फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने साफ किया कि वे फिल्मकारों की आजादी के पक्ष में हमेशा खड़े रहेंगे और किसी भी ऐसे प्रयास का विरोध करेंगे जो रचनात्मक कामों की अभिव्यक्ति को रोकता हो।