गुरुग्राम (नेहा): दीवाली से पहले ही गुरुग्राम की हवा में जहर घुलने लगा है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) सुबह आठ बजे ही 267 तक पहुंच गया है, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। मौसम विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। वहीं, दीवाली पर होने वाली आतिशबाजी के बाद यह सूचकांक 400 से ऊपर पहुंच सकता है, जिससे हवा गंभीर श्रेणी में आ जाएगी। जहरीली गैसों और सूक्ष्म कणों (पीएम 2.5 व पीएम 10) की मात्रा लगातार बढ़ रही है। इससे आंखों में जलन, गले में खराश, सिर दर्द, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों के लिए यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है।
लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने मंगलवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के पहले चरण को लागू कर दिया था। तापमान में और गिरावट आने के बाद स्माग की परेशानी भी झेलनी पड़ सकती है।
इन कारणों से बढ़ रहा प्रदूषण:-
1. शहर की टूटी और धूल उड़ने वाली सड़कों की मरम्मत लंबे समय से नहीं हुई।
2. निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपायों की अनदेखी की जा रही है।
3. वाहनों का दबाव बढ़ने से ट्रैफिक जाम के दौरान धुएं का उत्सर्जन दोगुना हो गया है।
4. कूड़ा जलाने की घटनाएं भी प्रदूषण में इजाफा कर रही हैं।
गुरुग्राम के प्रमुख चौराहों और सड़कों पर लगातार ट्रैफिक जाम लगने से प्रदूषण का स्तर और बढ़ रहा है। राजीव चौक, सुभाष चौक, इफको चौक, ओल्ड रेलवे रोड, न्यू रेलवे रोड, ओल्ड दिल्ली रोड, बसई रोड और पटौदी रोड जैसे इलाकों में वाहनों की लंबी कतारें आम बात बन गई हैं। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर भी पीक आवर में वाहन रेंग-रेंग कर चलते हैं, जिससे पेट्रोल और डीजल के धुएं में मौजूद कार्बन और नाइट्रोजन आक्साइड हवा में फैलकर जहरीले स्तर को बढ़ा रहे हैं।