नई दिल्ली (नेहा): दिल्ली विधानसभा में फांसी घर विवाद की जांच विशेषाधिकार समिति से कराने का निर्देश दिया गया है। विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को तलब किया जाएगा। विधानसभा परिसर में कोई फांसी घर नहीं होने का दावा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने गुरुवार (7 अगस्त( को कहा कि मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति को भेजा जाएगा, जो पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित अन्य को तलब करेगी।
बुधवार (6 अगस्त)को स्पीकर ने कहा था कि 2022 में जिस कक्ष का जीर्णोद्धार किया गया और तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उद्घाटन किया, वह रिकार्ड के अनुसार वास्तव में एक ‘‘टिफिन रूम’’ था। उन्होंने विधानसभा परिसर का 1912 का नक्शा दिखाते हुए कहा था कि ऐसा कोई दस्तावेज या साक्ष्य नहीं है जो यह दर्शाता हो कि इस स्थान का प्रयोग फांसी देने के लिए किया जाता था।
गुरुवार को इस मामले पर निर्देश देते हुए स्पीकर ने कहा कि उन्होंने मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति को भेज दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘समिति पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को तलब करेगी।’’ विजेंद्र गुप्ता ने अपने आरोप दोहराए कि ‘फांसी घर’ के नाम पर झूठ फैलाया गया और इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।