नई दिल्ली (नेहा): हाथरस जिले की विशेष सांसद/विधायक अदालत ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि के एक मामले में सोमवार को सुनवाई की अगली तारीख चार नवंबर तय की। एक अधिवक्ता ने यह जानकारी दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गांधी द्वारा हाथरस के बूलगढ़ी प्रकरण में बरी हो चुके तीन युवकों को आरोपी बताने के मामले में उनके खिलाफ यह याचिका दायर की गई है। मामले में बरी किए गए युवकों के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा कि न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। उन्होंने कहा, “अब मामले की सुनवाई चार नवंबर को होगी।”
पुंढीर ने कहा कि रवि, राम कुमार उर्फ रामू और लव कुश की ओर से गांधी के खिलाफ तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने 12 दिसंबर 2024 को बुलगढ़ी गांव में कथित तौर पर यह टिप्पणी की थी कि “आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि पीड़ित परिवार घर के अंदर बंद है।” अधिवक्ता ने कहा कि यह बयान उन युवकों के लिए अपमानजनक था, जिन्हें ढाई साल से अधिक समय जेल में बिताने के बाद सीबीआई अदालत ने बरी कर दिया था। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को डेढ़ करोड़ रुपये का कानूनी नोटिस भेजा गया था जिसमें बरी किए गए तीनों युवकों के लिए 50-50 लाख रुपये देने की मांग की गई थी।”
पुंढीर ने कहा कि नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद शिकायत दर्ज कराई गई। सितंबर 2020 में हाथरस जिले के एक गांव की दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था और कुछ दिनों बाद दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। उसके गांव के चार लोगों पर इस अपराध को अंजाम देने का आरोप था। मामले की तफ्तीश केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने की और अदालत ने रामकुमार, लवकुश और रवि को बरी कर दिया गया, जबकि एक आरोपी दोषी पाया गया जो अब भी जेल में है।


