नई दिल्ली (नेहा): देश की सबसे बड़ी निजी बैंक HDFC इस वक्त एक बड़े विवाद में फंस गई है। मेहता परिवार ने HDFC बैंक के CEO शशिधर जगदीशन समेत बैंक के अन्य अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। यह FIR लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट में गड़बड़ी के आरोपों से जुड़ी है, जो मेहता परिवार द्वारा संचालित एक ट्रस्ट है। बैंक ने इसे पूरी तरह से बेबुनियाद और बदनाम करने की साजिश बताया है। बैंक का कहना है कि यह सब एक साजिश है, ताकि 2001 से डिफॉल्टर चल रही एक कंपनी Splendour Gems Ltd. से लोन वसूली की प्रक्रिया रोकी जा सके।
HDFC समेत अन्य बैंकों ने 1995 में Splendour Gems Ltd. को लोन दिया था। Splendour Gems Ltd. कंपनी मेहता परिवार की है और 2001 से लोन चुकाने में डिफॉल्ट कर रही है। 2004 में Debt Recovery Tribunal (DRT) ने कंपनी से लोन वसूली का आदेश भी दिया था, लेकिन आज तक रकम नहीं चुकाई गई है। अब जब बैंक रिकवरी को लेकर सख्त हुआ, तो मेहता फैमिली ने बैंक अधिकारियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया, ऐसा बैंक का दावा है।
बैंक का कहना है कि मेहता परिवार ने जब सारे कानूनी रास्ते आजमा लिए और कोई राहत नहीं मिली, तब अब वे निजी तौर पर HDFC बैंक और उसके अधिकारियों पर आरोप लगाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि रिकवरी की प्रक्रिया को रोका जा सके। बैंक की तरफ से बयान दिया गया, “जब सारे कानूनी विकल्प खत्म हो गए, तब इन लोगों ने अब HDFC बैंक और उसके CEO पर निजी हमले शुरू कर दिए हैं। ये हमले बैंक की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और रिकवरी रोकने की कोशिश हैं।” लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट, जो मेहता परिवार के अधीन है, ने आरोप लगाया है कि HDFC बैंक के CEO और अन्य आठ लोगों (जिनमें कुछ पूर्व बैंककर्मी भी हैं) ने ट्रस्ट के फंड्स में गड़बड़ी की, घोटाला किया और पैसों का गलत इस्तेमाल किया।
उन्होंने CEO को सस्पेंड करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। बैंक ने कहा है कि वह कानूनी तरीके से जनता के पैसे की वसूली जारी रखेगा और मेहता परिवार द्वारा किए गए निजी हमलों का जवाब देगा। बैंक का बयान, “HDFC बैंक कानूनी तरीकों से रिकवरी करता रहेगा और अपनी छवि की रक्षा करेगा। हम मेहता परिवार द्वारा किए गए हमलों का कानूनी रूप से जवाब देंगे।”