धर्मशाला (नेहा): ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा क्षेत्र में पाकिस्तानी गोलीबारी में शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के सिहोलपुरी टियाला के निवासी सूबेदार मेजर पवन कुमार बलिदानी हो गए। पवन कुमार जम्मू-कश्मीर के पुंछ में तैनात थे। शनिवार सुबह करीब पांच बजे सूबेदार मेजर पवन कुमार को सीमावर्ती क्षेत्र पुंछ के कृष्णाघाटी में पाकिस्तान की ओर से की जा रही भारी गोलीबारी के बीच गोली लग गई। गोली लगने के चलते वह गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान वह बलिदानी हो गए।
49 वर्षीय पवन कुमार अपने पीछे माता-पिता, पत्नी व बेटा व बेटी को छोड़ गए। पवन कुमार माता किशो देवी व पिता गर्ज सिंह हैं। उनके पिता गर्ज सिंह भी पंजाब रेजिमेंट से सेवानिवृत हुए थे। पवन कुमार शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के सिहोलपुरी टियाली के रहने वाले थे। उनका बेटा अभिषेक 23 व बेटी अनामिका 22 अभी पढ़ाई कर रही है। उनके बलिदानी होने की खबर आते ही घर में मातम छा गया। मातृभूमि की रक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश के अनेकों जांबाज सैनिकों ने प्राणों की आहुति दी है। पवन कुमार ने भी मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देकर कांगड़ा और हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से की जा रही जवाबी कार्रवाई के बीच वह जिला कांगड़ा के पहले बलिदानी हुए हैं।
पवन कुमार ने अभी एक महीने पहले ही छुट्टी से वापस डयूटी पर गए थे। उन्होने 31 अगस्त को सेवानिवृत होना था। उनके निधन की सूचना मिलने उनके घर में शोक व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा। वहीं, उनके स्वजनों ने अपने बेटे के बलिदान पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान दिया है। बलिदान की पवन कुमार की पार्थिव देह शनिवार रात को घर पहुंचेगी व रविवार को पूरे सैन्य व राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।