गाजियाबाद (नेहा): उत्तर प्रदेश के एक जिले में चार चार देशों का ‘दूतावास’ चल रहा था. खास बात यह है कि चारों एक ही घर पर बने थे। इस घर के बाहर घर के बाहर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियां रहती थी। आसपास के लोग भी इस घर से बाहर से गुजरते समय शांति से निकलते थे। लेकिन जब यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट छापा मारा तो पूरा राज खुल गया। गाजियाबाद के कविनगर काा है. यहां एक अवैध दूतावास का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में हर्ष वर्धन जैन निवासी केबी-45, कविनगर, गाजियाबाद को गिरफ्तार किया गया. हर्ष वर्धन किराए के मकान (केबी-35, कविनगर) में वेस्ट आर्कटिक, साबोर्गा, पोल्विया और लोडोनिया जैसे काल्पनिक देशों का दूतावास चलाता था। वह खुद को इन देशों का राजदूत बताकर लोगों को ठगता था।
हर्षवर्धन डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का इस्तेमाल करता था और प्रभावशाली लोगों, जैसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ अपनी फर्जी (मॉर्फ्ड) तस्वीरें दिखाकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। उसका मुख्य काम कंपनियों और व्यक्तियों को विदेशों में नौकरी या काम दिलाने के नाम पर दलाली करना था। इसके अलावा, वह शेल कंपनियों के जरिए हवाला कारोबार भी चलाता था।
जांच में पता चला कि हर्षवर्धन का संबंध पहले चंद्रास्वामी और अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खगोशी से भी रहा है। साल 2011 में उसके पास से एक अवैध सैटेलाइट फोन भी बरामद हुआ था, जिसका मामला कविनगर थाने में दर्ज है। एसटीएफ ने छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए. इनमें चार डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियां, 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की जाली मोहर वाले दस्तावेज, दो फर्जी पैन कार्ड, 34 विभिन्न देशों और कंपनियों की मोहरें, दो जाली प्रेस कार्ड, 44.7 लाख रुपये नकद, कई देशों की विदेशी मुद्रा और 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट शामिल हैं।
इसके अलावा, कई कंपनियों से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए। पुलिस ने बताया कि हर्ष वर्धन लोगों को ठगने के लिए काल्पनिक देशों और फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेता था। उसके खिलाफ कविनगर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। एसटीएफ इस मामले में हवाला रैकेट और अन्य अवैध गतिविधियों की गहराई से जांच कर रही है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों का पता लगाया जा सके।