चंडीगढ़ (हरमीत) : ढाई साल पहले मार्च 2022 में पंजाब की बागडोर संभालने वाली ‘आप’ सरकार ने मासिक आधार पर सिर्फ ‘वन टर्म पेंशन’ देने का फैसला लागू कर जनता में हलचल मचा दी थी। पूर्व विधायकों की पेंशन अब मौजूदा विधायकों में आप, कांग्रेस, बीजेपी, अकाली और बीएसपी शामिल हैं। स्पीकर एस के अनुरोध पर. कुलतार सिंह संधवां ने एक विशेष सामान्य प्रयोजन समिति का गठन करके उनके मासिक वेतन में वृद्धि करने का सफल प्रयास किया है।
विधानसभा सचिवालय के सूत्रों से मिली विशेष जानकारी के मुताबिक इस विशेष समिति की बैठक पिछले मंगलवार 20 अगस्त को हुई थी। संधवन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस बैठक में बैठक में संधवन के अलावा डिप्टी स्पीकर जय किशन राउडी, वित्त मंत्री हरपाल चीमा, संसदीय कार्य मंत्री, विपक्ष कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा और विधानसभा समितियों के सभी अध्यक्ष शामिल हुए।
इस बैठक का एकमात्र एजेंडा विधायकों के वेतन और भत्ते को आज की महंगाई के हिसाब से बढ़ाना था। सूत्रों ने यह भी कहा कि हालांकि समिति की रिपोर्ट में मासिक वेतन और अन्य भत्ते बढ़ाने का विवरण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन यह माना गया है कि एक विधायक वर्तमान दर 84,000 कुल मासिक वेतन के साथ नहीं रह सकता है। वर्तमान में विधायक हैं मूल वेतन 25000 रु., लाइट भत्ता 25000 रु., पी.ए. फोन, बिजली और पानी भत्ते के 15000 रुपये जोड़ने पर आपको प्रति माह कुल 84000 रुपये मिलते हैं।
इस विशेष बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि विधायक का पद मुख्य सचिव के बराबर होना चाहिए और मासिक वेतन कम से कम 3 लाख रुपये होना चाहिए। मंगलवार को हुई इस बैठक में विधायकों के पंजाब दौरों, राजधानी चंडीगढ़ में साप्ताहिक बैठकों के लिए किलोमीटर भत्ते और दैनिक भत्ते की दरों को दोगुना करने की मांग की गई।
कुल 117 विधायकों में से, मंत्रियों, अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और अन्य सरकारी स्तर के विधायकों को छोड़कर, 95 से 98 विधायकों को इन दरों में वृद्धि से लाभ होगा। एक मोटे अनुमान के मुताबिक वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने में सालाना 25 से 30 करोड़ रुपये और जुड़ेंगे। यह भी संभावना है कि विशेष वेतन भत्ते की रिपोर्ट इसी सत्र में पेश कर मंजूरी दे दी जायेगी।