नई दिल्ली (पायल): लिवर हमारे शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है। यह पाचन, विषैले तत्वों को बाहर निकालने और हार्मोन संतुलन बनाए रखने जैसे कई जरूरी काम करता है। खास बात यह है कि लिवर खुद को रिपेयर करने की क्षमता रखता है, लेकिन अगर लंबे समय तक इसमें खराबी बनी रहे तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। अक्सर लिवर की गड़बड़ी के शुरुआती संकेत चेहरे और त्वचा पर दिखाई देने लगते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।
लिवर खराब होने पर चेहरे और त्वचा पर पीलापन, मुंहासे, लालिमा, खुजली, सूजन और पीले धब्बे जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। ये संकेत शरीर में बिलीरुबिन के बढ़ने या हार्मोनल बदलाव के कारण होते हैं। अगर इनके साथ थकान, कमजोरी, उलझन या चक्कर जैसी दिक्कतें भी महसूस हों तो यह गंभीर स्थिति हो सकती है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
आंखों के सफेद हिस्से और त्वचा का पीला दिखना पीलिया का संकेत होता है। यह तब होता है जब खून में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। लिवर के ठीक से काम न करने पर वह बिलीरुबिन को फिल्टर नहीं कर पाता, जिससे यह समस्या सामने आती है। पीलिया लिवर, पित्ताशय या खून से जुड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
बार-बार मुंहासे होना या त्वचा पर लालिमा दिखना सिर्फ स्किन प्रॉब्लम नहीं, बल्कि लिवर की खराबी का इशारा भी हो सकता है। लिवर के सही से काम न करने पर हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिसका असर त्वचा पर साफ नजर आता है।
लिवर डैमेज की स्थिति में त्वचा पर मकड़ी जैसी आकृति वाले लाल धब्बे उभर सकते हैं, जिन्हें स्पाइडर एंजियोमा कहा जाता है। हार्मोन के बढ़े स्तर से रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं और त्वचा की सतह पर यह पैटर्न दिखने लगता है। यह लक्षण अक्सर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों में देखा जाता है।
लिवर की समस्याओं के कारण खून में फैट की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे त्वचा पर पीले उभार या धब्बे बन जाते हैं। इन्हें जैन्थोमास कहा जाता है। यह संकेत बताता है कि लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा और स्थिति गंभीर हो सकती है।


