नई दिल्ली (नेहा): देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के लिए नवंबर 2025 चुनौतियों से भरा रहा। फ्लाइट कैंसिलेशन और लगातार देरी के कारण कंपनी का डोमेस्टिक मार्केट शेयर घटकर 63.6% पर आ गया है, जो अक्टूबर में 65.6% था। यह गिरावट ऐसे समय आई है, जब घरेलू हवाई यात्रा में लगातार इजाफा हो रहा है और प्रतिस्पर्धी एयरलाइंस अपनी स्थिति मजबूत कर रही हैं।
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा जारी नवंबर के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी में करीब 2% की गिरावट दर्ज की गई। इसका सीधा लाभ टाटा समूह की एअर इंडिया और आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रही स्पाइसजेट को मिला। एअर इंडिया ग्रुप का संयुक्त मार्केट शेयर अक्टूबर के 25.7% से बढ़कर नवंबर में 26.7% हो गया, जबकि स्पाइसजेट की हिस्सेदारी 2.6% से बढ़कर 3.7% पहुंच गई।
नवंबर और दिसंबर की शुरुआत में इंडिगो को बड़े पैमाने पर ऑपरेशनल समस्याओं का सामना करना पड़ा। डीजीसीए द्वारा पायलटों की ड्यूटी और आराम से जुड़े नए ‘फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट’ (FDTL) नियम लागू किए गए थे। इंडिगो इन नियमों के अनुसार समय पर अपने क्रू रोस्टर और संसाधनों का प्रबंधन नहीं कर सकी। इसका नतीजा यह हुआ कि नवंबर के अंतिम सप्ताह और दिसंबर के पहले हफ्ते में लगभग 5,000 उड़ानें या तो रद्द हुईं या तय समय से देरी से संचालित हुईं।
लगातार उड़ान बाधित होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा और कंपनी की विश्वसनीयता पर भी असर पड़ा। हालात बिगड़ने के बाद डीजीसीए ने सख्त कदम उठाते हुए इंडिगो को अपने विंटर शेड्यूल में 10% कटौती करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही एक जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है, जिसमें एयरलाइन की योजना और प्रबंधन से जुड़ी खामियों का उल्लेख होने की संभावना है।
इन चुनौतियों के बावजूद देश में हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ती रही। नवंबर में 1.53 करोड़ यात्रियों ने घरेलू उड़ानों में सफर किया, जो पिछले साल की तुलना में करीब 7% अधिक है। हालांकि, इसी अवधि में यात्रियों की शिकायतों में भी इजाफा हुआ। कुल 1,196 शिकायतों में से आधे से अधिक उड़ान में देरी और कैंसिलेशन से जुड़ी थीं, जबकि बैगेज और रिफंड से संबंधित शिकायतें भी प्रमुख रहीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इंडिगो के पास मजबूत नेटवर्क और बेड़े की क्षमता है, लेकिन नियामकीय बदलावों के अनुरूप तेजी से ढलना अब उसकी प्राथमिक चुनौती होगी। वहीं, एअर इंडिया और स्पाइसजेट के लिए यह मौका अपनी सेवाओं को बेहतर कर बाजार में स्थायी बढ़त बनाने का है।


